डीएनए हिंदी: संसद की स्थायी समिति ने कोविड महामारी से पहले रेलवे द्वारा वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली किराए पर रियायत को फिर शुरू करने की सिफारिश की है. समिति ने रेल मंत्रालय से सहानुभूतिपूर्वक विचार करने और स्लीपर क्लास और 3A श्रेणी में वरिष्ठ नागरिकों को रियायत पुन: प्रारंभ करने का आग्रह किया है. भारतीय जनता पार्टी के सांसद राधा मोहन सिंह की अध्यक्षता वाली रेल मंत्रालय संबंधी संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट में यह बात कही गई है.
यह रिपोर्ट संसद के दोनों सदनों में सोमवार को पेश की गई. रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने कहा कि भारतीय रेलवे 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के पुरूषों को किराये में 40 प्रतिशत की छूट देता था और महिलाओं के लिए न्यूनतम आयु 58 वर्ष होने पर 50 प्रतिशत की छूट दी जाती थी. ये छूट मेल, एक्सप्रेस, राजधानी, शताब्दी और दुरंतो जैसी एक्सप्रेस ट्रेनों में सभी वर्गो के लिए दी जाती थी.
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मंत्रालय ने वरिष्ठ नागरिक रियायत छोड़े पहल की शुरूआत की और वरिष्ठ नागरिकों को यह विकल्प दिया था कि जो राष्ट्रीय विकास में योगदान देना चाहते हैं, वे छूट के बिना अपना टिकट बुक करा सकते हैं. समिति ने कहा कि वह मंत्रालय से आग्रह करती है कि स्लीपर क्लास और 3ए श्रेणी में वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली छूट पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करे और उसे पुन: प्रारंभ किया जाए.
कोरोना काल में रेलवे ने लगा दी थी रोक
रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए 20 मार्च 2020 को वरिष्ठ नागरिकों को रेल टिकट में दी जा रही 50 प्रतिशत की छूट को वापस ले लिया था. इसमें कहा गया है कि समिति यह पाती है कि कोविड प्रतिबंध अब समाप्त हो गए हैं और रेलवे ने सामान्य वृद्धि प्राप्त कर ली है. (भाषा इनपुट के साथ)
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रेल किराए में मिल सकती है 50 प्रतिशत की छूट, संसद में उठी मांग, इन लोगों को मिलेगा फायदा