डीएनए हिंदी: संसद का विशेष सत्र बुलाने पर (Parliament Special Session) राजनीतिक घमासान जारी है. कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को 9 मुद्दों को आधार बनाकर एक चिट्ठी लिखी थी जिसके जवाब में संसदीय कार्यमंत्री ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि पहले भी संसद के सत्र बुलाए गए हैं और यह सरकार का विशेषाधिकार है. इसके लिए औपचारिक तौर पर अनुमति या विचार-विमर्श का नियम नहीं है. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि संसद की महान परंपरा और गरिमा पर सवाल उठाया जाना दुखद है. हालांकि, उन्होंने कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों से आग्रह किया है कि वह संसदीय गरिमा का ध्यान रखते हुए सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करेंगे. 

संसद सत्र बुलाने पर राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण
संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने चिट्ठी में सोनिया गांधी की आपत्तियों पर जवाब दिया है. उन्होंने कहा, 'यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप संसद, हमारे लोकतंत्र के मंदिर के कामकाज का भी राजनीतिकरण कर रही हैं. जिस मुद्दे पर कोई विवाद नहीं है वहां भी विवाद पैदा करने की कोशिश हो रही है. अनुच्छेद 85 के तहत संवैधानिक जनादेश का पालन हुए संसद सत्र नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं. यह अधिकार है कि राष्ट्रपति समय-समय पर संसद के प्रत्येक सदन को ऐसे समय और स्थान पर, जो वह ठीक समझे, अधिवेशन के लिए आहूत करेगा. एक सत्र की अंतिम बैठक और आगामी सत्र की प्रथम बैठक के लिए तय समय के बीच 6 महीने का अंतर नहीं होगा.' 

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उन्होंने पत्र में यह भी लिखा कि संसद का विशेष सत्र बुलाने की परंपरा पहले से चली आ रही है. इसके लिए सभी दलों से विचार-विमर्श की परंपरा नहीं है और यह सरकार का विशेषाधिकार है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संसद का सत्र शुरू होने से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी. सभी दलों की अपेक्षाओं और चिंताओं पर उस बैठक में सकारात्मक चर्चा होगी. बता दें कि संसद का विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर तक चलेगा. विशेष सत्र बुलाए जाने पर कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) समेत कई दलों ने आपत्ति जताई है. 

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सदन की कार्यवाही चलाने पर मांगा सहयोग 
प्रह्लाद जोशी ने अपने पत्र में यह भी लिखा कि जिन 9 मुद्दों को आपने उठाया है उन पर मानसून सत्र में चर्चा हुई है और सरकार किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए हमेशा तैयार है. उन्होंने यह भी कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने में आपका और बाकी दलों का पूरा सहयोग मिलेगा और हम संसदीय परंपराओं और गरिमा का निर्वाह करने में सफल रहेंगे. जोशी ने यह भी कहा कि विपक्षी दलों के सहयोग के साथ ही सदन की कार्यवाही चल सकती है और देशहित में फैसले लिए जा सकेंगे.  

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parliament special session Pralhad Joshi responds to Sonia Gandhi over her lettern and 9 points 
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सोनिया के पत्र का प्रह्लाद जोशी का जवाब, 'संसद सत्र पर राजनीति दुर्भाग्यपूर्ण'
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Prahlad Joshi Reply to Sonia Gandhi
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सोनिया के पत्र का प्रह्लाद जोशी का जवाब, 'संसद सत्र पर राजनीति दुर्भाग्यपूर्ण'

 

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