डीएनए हिंदी: संसद का विशेष सत्र शुरू हो गया है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन को संबोधित करते हुए कई अहम बातें कहीं. पीएम मोदी ने कहा कि पुराने संसद भवन से कई यादें जुड़ी हुई हैं. यहां से जाना एक भावुक पल है. हम सब इस ऐतिहासिक भवन से विदा ले रहे हैं. आजादी से पहले यह सदन काउंसिल का स्थान हुआ करता था, लेकिन देश आजाद हुआ तो इसे संसद भवन के रूप में नई पहचान मिली. पुरानी संसद भवन में पीएम मोदी ने अपने आखिरी भाषण में चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) से लेकर जी-20 शिखर सम्मेलन की सफलता का भी जिक्र किया. चलिए बतातें हैं पीएम मोदी ने अपने भाषण में क्या-क्या बातें कहीं.
ऐतिहासिक भवन से सब ले रहे विदा
पीएम मोदी ने लोकसभा में पुराने संसद भवन का जिक्र करते हुए कहा कि इस परिसर के निर्माण का फैसला भले ही विदेशी शासकों ने किया था, लेकिन इसका निर्माण भारत के लोगों की कड़ी मेहनत, पसीने और धन से किया गया था. उन्होंने कहा कि इन 75 वर्षों में अनेक लोकतांत्रिक परंपराएं बनीं और इसमें सभी ने योगदान दिया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि हम नई इमारत में जा सकते हैं, लेकिन पुरानी इमारत भी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी.’ उन्होंने कहा, ‘‘पुराने संसद भवन को अलविदा कहना एक भावनात्मक क्षण है ; इसके साथ कई खट्टी-मीठी यादें जुड़ी हुई हैं। यह भारत की यात्रा का एक महत्वपूर्ण अध्याय है. नए परिसर में जाने से पहले इस संसद भवन से जुड़े प्रेरणादायक क्षणों को याद करने का समय आ गया है.
जी20 140 करोड़ भारतीयों की सफलता
पीएम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी में हाल ही में सम्पन्न जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता का श्रेय देश की समस्त जनता को देते हुए सोमवार को कहा कि यह किसी एक व्यक्ति या किसी एक पार्टी की सफलता नहीं है. पीएम मोदी ने लोकसभा में संविधान सभा से शुरू हुई 75 वर्षों की संसदीय यात्रा उपलब्धियां, अनुभव, यादें और सीख’ विषय पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि यह हर किसी के लिए जश्न की बात है. जी20 की सफलता 140 करोड़ भारतीयों की सफलता है, किसी एक व्यक्ति या एक पार्टी की नहीं है.
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नेहरू और वाजपेयी का जिक्र
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर लाल बहादुर शास्त्री और अटर बिहारी वाजपेयी तक, इस संसद ने कई नेताओं को भारत के बारे में अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करते देखा है। मोदी ने कहा कि इस संसद भवन में अनेक अवसर ऐसे आये जब सदस्यों के आंसू भी बहे. उन्होंने तीन-तीन प्रधानमंत्रियों -पंडित जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी के निधन पर सदस्यों की विह्वलता का भी उल्लेख किया.
भारत ने विश्वमित्र की जगह बनाई
राष्ट्रीय राजधानी में पिछले दिनों आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता को देश के 140 करोड़ देशवासियों की उपलब्धि बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इसी कारण से आज भारत ‘विश्वमित्र’ के रूप में अपनी जगह बना पाया है और पूरी दुनिया भारत में अपना मित्र खोज रही है. प्रधानमंत्री ने कहा कि अतीत में जब देश में नैम (गुट निरपेक्ष आंदोलन) का सम्मेलन आयोजित किया गया था तो इस सदन ने सर्वसम्मति से देश के इस प्रयास को सराहा था. उन्होंने कहा कि आज भी इस सदन ने जी20 सम्मेलन की सफलता को सराहा है जो 140 करोड़ देशवासियों की सफलता है, भारत की सफलता है. हम सबके लिए गर्व की बात है कि आज भारत विश्वमित्र के रूप में अपनी जगह बना पाया है. पूरा विश्व भारत में अपना मित्र खोज रहा है.
पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं इस भावनात्मक पल को भूल नहीं सकता हूं. अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष ने एक साक्षात्कार में कहा था कि ये ऐसे पल थे कि ‘मैं बोलते-बोलते रो पड़ूंगा’ उन्होंने कहा कि भारत के प्रति शक करने का स्वभाव भी कई लोगों का बना हुआ है जो आजादी से चला आ रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोगों ने इस बार भी यही कहा था कि सम्मेलन के बाद कोई घोषणापत्र जारी नहीं किया जाएगा, ऐसा होना असंभव है. लेकिन भारत की ताकत है कि वह भी हुआ और विश्व सर्वसम्मति से आगे का रोडमैप लेकर आगे बढ़ा है. ’ उन्होंने कहा कि भारत की समूह की अध्यक्षता नवंबर के आखिरी दिन तक है और हम इस समय का उपयोग करेंगे. इसी शृंखला में भारतीय संसद अगले महीने जी20 के सदस्य देशों की संसद के पीठासीन अधिकारियों (पी-20) के सम्मेलन की मेजबानी करेगी.
सभी सांसदों से विशेष सत्र में मौजूद रहने का आग्रह
प्रधानमंत्री मोदी ने सभी सांसदों से संसद के विशेष सत्र में अधिकतम समय देने का आग्रह किया. पांच दिवसीय विशेष सत्र शुरू होने से पहले संसद भवन के बाहर मीडिया को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'मैं सभी सदस्यों से आग्रह करता हूं कि वे संसद के इस विशेष सत्र को अधिक से अधिक समय दें.' उन्होंने कहा कि संसद का यह सत्र अवधि में छोटा हो सकता है, लेकिन मौके पर बड़ा है, यह ऐतिहासिक विकास का सत्र है.
पीएम मोदी ने भारत के चंद्रमा मिशन और जी20 बैठक की सफलता पर टिप्पणी करते हुए कहा कि शिव शक्ति प्वॉइंट (चंद्रयान -3 का लैंडिंग स्थल) प्रेरणा का एक नया केंद्र बन गया है, तिरंगा प्वॉइंट (चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रमा पर स्थान जहां चंद्रयान -2 का लैंडर विक्रम दुर्घटनाग्रस्त हो गया) हमें गर्व से भर देता है. उन्होंने कहा कि देश में उत्सव, उत्साह का माहौल है, देश एक नए आत्मविश्वास का अनुभव कर रहा है.
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