डीएनए हिंदी: मोदी सरकार ने लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पास हो गया है. संसद में लंबी बहस के बाद इस पर वोटिंग कराई गई है, जिसमें यह एकतरफा तरीके से पास हो गया है. इस विधेयक में लोकसभा और राज्यसभा में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मिलने का प्रावधान है. विपक्षी दलों ने भी इस बिल का समर्थन किया है. हालांकि, पक्ष और विपक्ष दोनों में महिला आरक्षण बिल का श्रेय लेने की होड़ मची है. कांग्रेस महिला आरक्षण बिल को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सोच बता रही है और बीजेपी पर गुमराह करने का आरोप लगा रही है.
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दो तिहाई बहुमत के साथ पारित हुआ लोकसभा में महिला आरक्षण बिल
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर वोटिंग खत्म हो गई है. इस बिल को सांसदों ने एकतरफा समर्थन देकर दो तिहाई बहुमत के साथ पारित कर दिया है. 543 सीटों वाली लोकसभा में बिल पर वोटिंग में 456 सांसदों ने शिरकत की, जिनमें महज 2 सांसदों ने बिल के विरोध में वोट डाला है. शेष 454 सांसदों ने बिल को अपना समर्थन देते हुए पारित कर दिया है. अब इसे 21 सितंबर को राज्यसभा में पेश किया जाएगा, जहां पारित होने के साथ ही यह बिल कानून बन जाएगा.
Lok Sabha passes Women's Reservation Bill granting 33% seats to women in Lok Sabha and state legislative assemblies
— ANI (@ANI) September 20, 2023
454 MPs vote in favour of the bill, 2 MPs vote against it pic.twitter.com/NTJz449MRX
विलंब करने वाले प्रावधान हटाए सरकार- मायावती
बसपा प्रमुख मायावती ने बुधवार को सरकार से महिला आरक्षण विधेयक को जनगणना और परिसीमन प्रक्रिया से अलग करने का आग्रह किया, क्योंकि ऐसा नहीं होने पर इसके क्रियान्वयन में कई वर्षों तक देरी होगी. मायावती ने इसके साथ ही बीजेपी और कांग्रेस पर विधेयक का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए करने का आरोप लगाया. मायावती पहले ही कह चुकी हैं कि उनकी पार्टी विधेयक का समर्थन करेगी, भले ही उसकी मांगें पूरी न हो. उन्होंने सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ खंडों को हटाने का आग्रह किया कि मसौदा कानून तुरंत लागू हो जाए. उन्होंने कहा कि विधेयक के कुछ प्रावधानों को इस तरह से तैयार किया गया है कि आरक्षण का लाभ अगले 15 या 16 वर्षों तक या बाद के कई चुनावों तक महिलाओं तक नहीं पहुंच पाएगा. उन्होंने कहा कि विधेयक के ये खंड साबित करते हैं कि सरकार महिलाओं को आरक्षण देने के इरादे से नहीं बल्कि आगामी चुनाव में उनके वोट पाने के इरादे से विधेयक ला रही है.
महिला आरक्षण बिल में OBC के लिए भी हो आरक्षण
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस इस विधेयक का समर्थन करती है. लेकिन हमारी मांग है कि एससी, एसटी, ओबीसी के लिए उप-कोटा के साथ महिला आरक्षण विधेयक तुरंत लागू किया जाए. उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक को लागू करने में कोई भी देरी भारतीय महिलाओं के साथ घोर अन्याय होगा. महिलाओं के धैर्य की सीमा का अनुमान लगाना कठिन है. वे कभी आराम करने के बारे में नहीं सोचती हैं.
महिला आरक्षण बिल पर लोकसभा में CPP चेयरपर्सन सोनिया गांधी जी का वक्तव्य pic.twitter.com/eWsQfXtEQ8
— Congress (@INCIndia) September 20, 2023
13 साल से महिलाएं कर रही इंतजार
विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करने में अपने पति और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के योगदान को याद किया. उन्होंने कहा कि इस महिला आरक्षण विधेयक के पारित होने से उनके दिवंगत पति का अधूरा सपना पूरा होगा. पिछले 13 साल से महिलाएं अपनी राजनीतिक भागीदारी का इंतजार कर रही हैं, अब कुछ और वर्ष तक इंतजार करने के लिए कहा जा रहा है. क्या यह बर्ताव उचित है?’
सोनिया गांधी ने कहा कि इस विधेयक को फौरन अमल में जाया जाए. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि जाति जनगणना कराकर एससी, एसटी और ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जाए. इसके लिए जो कदम उठाना जरूरी है, उसे उठाना चाहिए. इस विधेयक को लागू करने में देरी करना भारत की स्त्रियों के साथ घोर नाइंसाफी है. उन्होंने कहा कि मेरी मांग है कि इस विधेयक के रास्ते के रुकावटों को दूर करते हुए जल्दी से जल्दी से लागू किया जाए.
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लोकसभा में पास हुआ महिला आरक्षण बिल, एकतरफा वोटिंग में 454 ने किया समर्थन, 2 रहे विरोध में