पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) की जांच एनआईए (NIA) कर रही है. अब तक 150 से ज्यादा स्थानीय लोगों से पूछताछ की गई है और कई संदिग्धों को भी चिह्नित किया गया है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी की जांच में कुछ अहम सुराग भी हाथ लगे हैं. इस आतंकी हमले में लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर फारुख अहमद ने अहम भूमिका निभाई थी. फारुख ने पाकिस्तान में बैठे आतंकियों की मदद की और इसके लिए एक ओवरग्राउंडर वर्कर्स का नेटवर्क तैयार करने का काम किया था. अब तक की जांच में सामने आया है कि पिछले दो सालों में वह कई आतंकी हमले में शामिल रहा है. मूल रूप से कुपवाड़ा का रहने वाला फारुख पेशे से शिक्षक है. वह पहाड़ी रास्तों पर चढ़ाई की ट्रेनिंग देने का भी काम करता है.
पाकिस्तान में छुपकर बैठा है फारुख अहमद
पहलगाम हमले के गुनहगारों में से एक फारुख अहमद फिलहाल पीओके में छुपकर बैठा हुआ है. एनआई की जांच में सामने आया है कि पिछले दो सालों से वह पाकिस्तान में ही रह रहा है और किसी सिक्योर्ड ऐप के जरिए स्थानीय नेटवर्क तैयार करने और उनसे संपर्क में रहने का काम कर रहा था. कुछ दिन पहले ही सेना ने इस आतंकी का घर कुपवाड़ा में जमींदोज किया है. अब तक की जांच में सामने आया है कि फारुख ने कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों और पाकिस्तान की कई यात्राएं की हैं. 1990 से 2016 के बीच में उसने पाकिस्ता का कई बार दौरा किया है और इसी दौरान वह लश्कर में शामिल हुआ और अब उसके टॉप कमांडर में शामिल हो गया है.
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अब तक की जांच में फारुख और उसके नेटवर्क से जुड़ी कई जानकारी सामने आई है. पता चला है कि पाकिस्तान के सेक्टर 3 से कश्मीर में घुसपैठ करता था. उसे पहाड़ों पर चढ़ने का अच्छा अभ्यास है और घाटी के पहाड़ी रास्तों से अच्छी तरह से वाकिफ है. इस वजह से भी उसके लिए घुसपैठ करना आसान था. सूत्रों के मुताबिक, लश्कर में रहते हुए उसने ऐप्स से कनेक्टेड रहने और दूसरे कामों के लिए भी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना सीखा है.
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पहलगाम हमले के गुनहगारों में एक स्थानीय टीचर
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