Waqf Bill Debate Parliament: विपक्षी दलों ने कहा है कि वे बुधवार को लोकसभा में पेश किए जाने वाले वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर चर्चा में भाग लेंगे, लेकिन प्रस्तावित कानून का 'पूरी ताकत से विरोध' करेंगे. विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया ने मंगलवार को एकजुटता संसद में वक्फ (संशोधन) विधेयक का विरोध करने के लिए संयुक्त रणनीति पर चर्चा की.
यह तब हुआ जब कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और सीपीआई (एम) सहित विपक्षी दलों ने बुधवार को दोपहर 12 बजे निचले सदन में चर्चा और पारित होने के लिए पेश किए जाने वाले वक्फ विधेयक से पहले अपनी रणनीति पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की. इंडिया टुडे टीवी को सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी गई.
सूत्रों के अनुसार शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि विपक्ष वक्फ विधेयक पर बहस में भाग लेगा, लेकिन इसके खिलाफ वोट करेगा. उन्होंने कहा कि सीपीआई (एम) नेता जॉन ब्रिटास ने कहा कि विपक्ष सदन में बहस के दौरान इस विधेयक का 'पूरी ताकत से' विरोध करेगा.
सूत्रों के अनुसार, सभी विपक्षी दलों ने कहा है कि वे लोकसभा में इस पर चर्चा के बाद विधेयक के खिलाफ मतदान करेंगे. भाजपा और कांग्रेस ने अपने सभी लोकसभा सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया है, ताकि अगले तीन दिनों तक सदन में उनकी उपस्थिति सुनिश्चित हो सके.
वक्फ विधेयक क्या है और इसे लेकर विवाद क्या है?
वक्फ विधेयक भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और प्रशासन में सुधार करना चाहता है. विपक्षी दलों ने विधेयक की आलोचना करते हुए इसे असंवैधानिक और मुसलमानों के प्रति भेदभावपूर्ण बताया है.
मुसलमानों द्वारा दान की गई संपत्तियों के प्रबंधन को नियंत्रित करने वाले वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन करने के लिए यह विधेयक पिछले साल अगस्त में संसद में पेश किया गया था. हालांकि, विपक्ष और विभिन्न मुस्लिम संगठनों के उग्र विरोध के बीच, विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेज दिया गया था.
हफ्तों तक चली चर्चा के बाद, जिसमें तीखी नोकझोंक भी हुई और यहां तक कि तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने कांच की बोतल तोड़कर खुद को घायल कर लिया था. जेपीसी ने विधेयक में 14 संशोधनों को मंजूरी दे दी. विपक्षी सांसदों द्वारा प्रस्तावित 44 संशोधनों को जगदंबिका पाल के नेतृत्व वाले पैनल ने खारिज कर दिया. विधेयक को आखिरकार फरवरी में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी.
भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने विधेयक पर चर्चा के लिए आठ घंटे आवंटित किए हैं. भाजपा को अपने बहुमत के कारण इसे पारित होने का भरोसा है, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने कड़ा प्रतिरोध करने की कसम खाई है. 543 सदस्यीय लोकसभा में एनडीए के वर्तमान में 293 सदस्य हैं, जबकि भाजपा के 240 सदस्य हैं. वक्फ बिल पर विपक्ष की आवाज का नेतृत्व कर रहे एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने दावा किया कि प्रस्तावित कानून का उद्देश्य मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता पर अंकुश लगाना है.
इसे 'वक्फ बर्बाद बिल' कहते हुए ओवैसी ने कहा, 'यह बिल असंवैधानिक है. अगर कोई गैर-हिंदू हिंदू एंडोमेंट बोर्ड का सदस्य नहीं बन सकता है, तो आप यहां एक गैर-मुस्लिम को क्यों बना रहे हैं?'
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किरेन रिजिजू ने दिया जवाब
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सोमवार को विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह निर्दोष मुसलमानों को गुमराह कर रहा है और झूठा दावा कर रहा है कि सरकार उनके कब्रिस्तान और मस्जिद छीन लेगी. उन्होंने कहा, 'कुछ लोग कह रहे हैं कि यह विधेयक असंवैधानिक है. वक्फ नियम और इसके प्रावधान आजादी से पहले से ही अस्तित्व में हैं. यह अवैध कैसे हो सकता है?'
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संसद में वक्फ बिल पर बहस में शामिल होगा विपक्ष, पर विरोध में लगा देगा एड़ी-चोटी का जोर, सूत्रों का दावा