डीएनए हिंदी: कांग्रेस (Congress) समेत 16 विपक्षी दलों के नेताओं ने अडानी समूह के खिलाफ लगे आरोपों की जांच की मांग की है. विपक्षी दलों का कहना है कि देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किया जा रहा है. पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी के साथ दिग्गज विपक्षी नेताओं ने बुधवार को एक मीडिया रिपोर्ट को लेकर केंद्र सरकार पर नए सिरे से हमला किया है.
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडानी ग्रुप का एक प्रमुख निवेशक डिफेंस सेक्टर में एक ग्रुप का सह-स्वामित्व भी रखता है. राहुल गांधी ने कहा कि अनजान विदेशी संस्थाओं को रणनीतिक रक्षा उपकरणों का नियंत्रण देकर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया जा रहा है.
एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एलारा इंडिया ऑपर्च्युनिटीज फंड (Elara IOF) मॉरीशस में रजिस्टर्ड शीर्ष चार संस्थाओं में से एक है. यह ग्रुप मुख्य रूप से अडानी समूह की कंपनियों में शेयर होल्ड करती है.
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क्यों अडानी पर फिर मचा महासंग्राम?
रिपोर्ट के मुताबिक रिकॉर्ड बताते हैं कि अडानी ग्रुप के साथ-साथ Elara IOF बेंगलुरु स्थित अल्फा डिज़ाइन टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड में एक प्रमोटर यूनिट भी है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2003 में निगमित यह रक्षा कंपनी इसरो और DRDO के साथ मिलकर काम करती है. 2020 में केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के साथ 590 करोड़ रुपये का इस कंपनी ने अनुबंध किया हैस जिससे पिकोरा मिसाइल और रडार सिस्टम को अपग्रेड और डिजिटाइज़ किया जा सके.
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क्या कह रहे हैं राहुल गांधी?
मीडिया रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट ट्विटर पर शेयर करते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'भारत का मिसाइल और रडार अपग्रेड कॉन्ट्रैक्ट अडानी के स्वामित्व वाली कंपनी और एलारा नामक एक संदिग्ध विदेशी संस्था को दिया गया है. एलारा को कौन नियंत्रित करता है? भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को देकर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता क्यों किया जा रहा है.'
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अडानी विवाद: 'भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से हो रहा समझौता', केंद्र पर विपक्षी दलों ने लगाए गंभीर आरोप