पहलगाम आतंकी हमला और भारत की एयर स्ट्राइक के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार तनाव बना हुआ है. रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले 72 घंटें दोनों ही देशों के लिहाज से बहुत अहम होने वाले हैं. इसी बीच हम आपको एक ऐसी भारतीय महिला जासूस की कहानी के बारें में बताने जा रहे है जिसे सुनकर आप गर्व महसूस करेंगे. आपको साहस और वतन के प्रति समर्पण की नई परिभाषा पता चलेगी. हम जिस जासूस की बात कर रहे है उसकी कहानी 1971 की जंग से जुड़ी हुई है. कहानी शुरू होती है 1969 से जब दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ रही जम्मू कश्मीर की एक छात्रा को अचानक घर बुला लिया जाता है.
1971 की जंग
सामने पिता जी खड़े हुए थे उन्होंने कहा कि 'बेटी मेरी आखिरी इच्छा है कि मेरी बेटी देश सेवा करें. 'पिता की देशभक्ति से ओत-प्रोत बातें बेटी के दिल मे घर गई और वह देश के लिए मर मिट जानें को तैयार हो गई. यह वहीं लड़की है जो आगे चलकर सहमत नाम से मशहूर हुई. 1971 की जंग में सहमत की अहम भूमिका रही थी. सहमत के पिता हरिंदर सिंह सिक्का के उपन्यास ‘कॉलिंग सहमत’ के अनुसार, सहमत के पिता भारत की खुफिया एजेंसी RAW के लिए काम करते थे. व्यापार के चलते इनके सीमा पार भी अच्छे संबंध थे. इसी वजह से 1965 की लड़ाई में उन्होंने पाकिस्तान की कई खूफिया जानकारियों को भारतीय एजेंसी पहुंचाया था.
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कैसे बनी जासूस
सहमत के पिता को कैंसर की बीमारी हो गई थी और यह लास्ट स्टेज तक पहुंच चुकी थी जहां से उनका बच पाना संभव नहीं था. वह चाहते थे कि उनकी बेटी देश की सेवा में लग जाए. जब सहमत की उम्र केवल 20 साल थी और वह ग्रेजुएशन की साथ शाश्त्रीय नृत्य और वायलिन बजाना भी सीख रही थी. लेकिन पिता के एक बार कहने पर वह जासूस बन गई और देश सेवा में जुट गई. सहमत को पहली बार किसी मिशन पर पाकिस्तान भेजा जा रहा था. इस मिशन की प्लानिंग के अनुसार सबसे पहले पाकिस्तान जाने केलिए उन्हें पाक आर्मी के ऑफिसर इकबाल सैयद से निकाह करना है.
पाकिस्तान जाकर क्या था सहमत का काम
इकबाल के पिता ब्रिगेडियर परवेज सैयद भी सेना में सीनियर ऑफिसर थे. सहमत को पाकिस्तान जाकर वहां के सेना के आर्मी ऑफिसरों के बीच क्या बातें होती है वह सुननी थी और भारतीय सेना की मदद करनी थी. इसके लिए सहमत को Morse code के जरिए इमरजेंसी मेसेज भेजने और रिसीव करने की बेसिक ट्रेनिंग भी दी गई. अब सहमत का निकाह हो हुआ औ वह अपने ससुराल पाकिस्तान पहुंच गई. सहमत ने केवल अपने ससुराल बल्कि आर्मी क्वॉर्टर में रहने वाले दूसरे परिवारों का भरोसा भी जीत लिया. म्यूजिक और डांस की उनकी कला इस मिशन में खूब काम आई उन्होंने आर्मी क्वाटर में रहने वाले बच्चों को डांस सिखाना शुरु कर दिया.
डांस और गाने की कला आई काम
जिस स्कूल में वह बच्चों को डांस की ट्रेनिंग दिया करती थी वहां पर याह्या खान के पोते-पोतियों के साथ ही पाकिस्तानी सेना के शीर्ष अधिकारियों के बच्चे भी पढ़ते थे. धीरे-धीरे उनकी पहुंच पाकिस्तानी रक्षा क्षेत्र और खुफिया हलकों तक हो गई. इसी वजह से उनके ससुर ब्रिगेडियर परवेज सैयद को भी प्रमोशन का फायदा मिला. तब 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध लगभग तय हो गया था. तब भारत के पास स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत था. पाकिस्तान को इसका एहसास हो चुका था पाक ने बंगाल की खाड़ी में तैनात भारतीय युद्धपोत को निशाना बनाने की योजना बनाई। पाकिस्तान ने मिसाइलों से लैस अपनी पनडुब्बी PNS गाजी को भारतीय युद्धपोत को डुबोने का मिशन सौंपा.
इकबाल को चल गया सच का पता
उधर सहमत को इसकी जानकारी हो गई. सहमत ने तुरंहत PNS गाजी की पॉजिशनिंग से जुड़ी जानकारी भारत को भेजी. जिसके दम पर भारतीय जल सेना ने तुंरत एक्शन लेते हुए विशाखापत्तनम बंदरगाह के पास पाकिस्तानी पनडुब्बी को डुबो दिया. उसमें सवार सभी लोग मारे गए. लेकिन तब तक देर हो चुकी थी सैयद परिवार के एक करीबी सहयोगी को सहमत पर शक हो गया, लेकिन सहमत ने उसे ट्रक से कुतल कर मार डाला. सहमत के पति इकबाल को भी हकीकत पता चली लेकिन जब तक बह कुछ करता सहमत के हैंडलर्स ने उसे भी मार दिया.
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सहमत की दिल्ली वाली लव स्टोरी
जब सहमत की वतन वापसी हुई तब वह गर्भवती थी और पूर्ण तरीके से सुरक्षित भी. सहमत ने भारत वापस आकर आगे का जीवन उन्होंने पंजाब के मलेरकोटला में बिताने का फैसला किया. सहमत की लव स्टोरी भी कमाल की है. डीयू में पढ़ते समय जो लड़का उनसे प्यार करता था वह अब भी सहमत का इंतजार कर रहा था, लेकिन अपने सर पर खून का बोझ लिया सहमत शादी के लिए तैयार नहीं हुई. कुछ दिनों बाद सहमत को लड़का हुआ जिसे सहमत से प्यार करने वाले लड़के ने पाला जो आगे खुद चलकर फौजी अफसर बना. 2018 में इस बहादुर देशभक्त और देश के लिए सबकुछ न्योछावर कर देने वाली भारतीय जासूस की मौत हो गई. सहमत की असली पहचान को आज तक गुप्त रखा गया है ताकि उनके बेटे को किसी तरह का खतरा न हो.
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पाक फौजी से शादी, बच्चे और याह्या खान के पोतों को सिखाया डांस..., भारत की वो जासूस जिसने जिताई थी 1971 की जंग