डीएनए हिंदी: दारुल उलूम देवबंद के प्रमुख और जमीयत उलेमा-ए-हिंद के धर्मगुरु मौलाना अरशद मदनी (Maulana Arshad Madni) का ॐ और अल्लाह को एक बताना बड़े बवाल का कारण बन गया है. मदनी की हिंदू से लेकर मुस्लिम नेताओं, संगठनों व धर्मगुरुओं ने आलोचना की है. ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने तो उन्हें चैलेंज कर दिया है कि यदि दोनों एक हैं, तो मदनी मक्का में मौजूद काबा पर ॐ लिखवाकर दिखा दें. जैन धर्मगुरु लोकेश मुनि ने भी उन्हें इस मुद्दे पर शास्त्रार्थ के लिए चैलेंज कर दिया है. अपनी आलोचना बढ़ती देखकर अरशद मदनी भी बैकफुट पर आ गए हैं और मान लिया है कि उन्होंने गलत बयान दे दिया है. हालांकि उनके गलती मानने के बावजूद यह विवाद अभी और बढ़ने की संभावना लग रही है.
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धर्मों को जोड़ने के लिए आयोजित हुआ था कार्यक्रम, विवाद खड़े कर गया
दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महाधिवेशन में इस्लाम और दूसरे धर्मों के बीच तनाव घटाने का टारगेट रखा गया था. इसके लिए मंच पर मुस्लिमों के साथ अन्य धर्मों के नेता भी बुला रखे थे. दिलों के तार जोड़ने वाला यह कार्यक्रम अरशद मदनी के बयान से बवाल खड़ा कर गया. मदनी ने मंच से ॐ और अल्लाह को तो एक बताया. साथ ही आदम और मनु को भी एक बता दिया. अरशद मदनी ने कहा, 'मैंने धर्मगुरु से पूछा कि जब कोई नहीं था, न राम, न ब्रह्मा, तो वे किसकी पूजा करते थे? कुछ लोगों ने मुझे बताया कि वे 'ॐ' की पूजा करते थे. फिर मैंने उनसे कहा कि इसका मतलब यह है कि वह केवल एक 'ॐ या अल्लाह' है, और दोनों एक ही हैं, और मनु केवल एक ही चीज की पूजा करते थे. ॐ को हम अल्लाह, आप यानी हिंदू ईश्वर, फारसी-भाषी खुदा और अंग्रेजी-भाषी गॉड कहते हैं.'
शंकराचार्य ने दिया मदनी को ऐसा चैलेंज
जोशीमठ में स्थापित देश की पहली शंकराचार्य पीठ ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने अरशद मदनी को चैलेंज कर दिया है. उन्होंने कहा, यदि मदनी ॐ और अल्लाह के एक होने का दावा करते हैं तो उन्हें मस्जिदों पर ॐ लिखवाना चाहिए. सबसे पहले यह काम काबा पर सोने के वर्क से ॐ लिखवाकर करना चाहिए. फिर जामा मस्जिद में ॐ लिखवाएं. इसके बाद जहां भी अल्लाह लिखा है, वहां ॐ लिखवा दें, क्योंकि दोनों एक ही हैं.
जैन मुनि बोले- हम बताएंगे मदनी को उनका इतिहास
जैन धर्मगुरु लोकेश मुनि भी मदनी के साथ जमीयत के कार्यक्रम में मंच पर थे. उन्होंने मदनी के बयान पर नाराजगी जताते हुए मंच छोड़ दिया. इसके बाद उन्होंने मदनी को चैलेंज देते हुए कहा, हमारा इतिहास सभी जानते हैं. कब सनातन धर्म शुरू हुआ या कबसे जैन परंपरा है. इस्लाम के आने की जानकारी भी सभी को है. मैं मदनी को शास्त्रार्थ के लिए आमंत्रित करता हूं. मैंने उनसे कहा है कि आप आकर बैठो, फिर हम बताएंगे कि आपका इतिहास कबसे है.
विहिप ने कहा, आदम कौन था
अरशद मदनी के बयान पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने भी नाराजगी जताई है. विहिप की अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा, आदम नाम का तो कोई पैदा ही नहीं हुआ. मनु और शतरूपा के आधार पर आदम-हव्वा की फर्जी कहानियां बनाई गई हैं. हमारे पास मनु की लिखी हुई मनु स्मृति है. याज्ञवल्क्य की याज्ञवल्क्य स्मृति और यहां तक कि रावण संहिता भी मौजूद है. उनके पास कुरान के अलावा क्या है?
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मुस्लिम नेता भी हुए दूर, मदनी के भतीजे ने मांगी मांफी
अरशद मदनी के बयान से खुद मुस्लिम नेताओं और धर्मगुरुओं ने भी दूरियां बना ली है. सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा, ऐसे बयान से दोनो धर्मों में विवाद पैदा होगा. ॐ और अल्लाह दोनों अलग-अलग हैं. खुद जमीयत के अध्यक्ष और अरशद मदनी के भतीजे महमूद मदनी ने भी कहा कि इस बयान से किसी को दुख हुआ है तो वे 100 बार माफी मांगने को तैयार हैं.
अरशद मदनी भी बोले- मुझसे गलती हो गई
अपने बयान पर विवाद खड़े होने के बाद मौलान अरशद मदनी ने भी इससे दूरी बना ली है. उन्होंने ज़ी न्यूज़ से कहा कि, मैंने बुरा किया. बहुत गलत बयान दे दिया. मेरे इस बयान से दुनिया तबाह हो गई है. इसे वापस लेता हूं.
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शंकराचार्य का चैलेंज, 'ईश्वर अल्लाह एक हैं तो काबा पर लिखवाकर दिखाओ ॐ', मदनी खुद पलटे, 'मैंने दे दिया गलत बयान'