आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बड़ा ऐलान किया है. नायडू ने कहा है कि तिरुमाला मंदिर में केवल हिंदू कर्मचारी ही काम करेंगे. उन्होंने मंदिर के गैर-हिंदू कर्मचारियों को दूसरी जगह शिफ्ट करने की घोषणा भी की. नायडू की तेलुगुदेशम पार्टी केंद्र में सत्तारूढ भाजपा-नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा है. उनके इस फैसले को भाजपा को खुश करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. दूसरी ओर, इसमें विपक्षी पार्टियों के लिए एक संदेश भी है जो नायडू को धर्मनिरपेक्षता के मुद्दे पर घेरने की कोशिश कर रहे हैं.
पूरी दुनिया में बनेंगे वेंकटेश मंदिर
परिवार के साथ तिरुमाला मंदिर में दर्शन करने पहुंचे नायडू ने यह भी कहा कि उनकी सरकार देश के हर राज्य की राजधानी में वेंकटेश मंदिर का निर्माण करेगी. इसके लिए वे राज्यों के मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखेंगे. इसके अलावा पूरी दुनिया में जहां भी हिंदुओं की अच्छी आबादी है, वहां वेंकटेश मंदिर का निर्माण किया जाएगा.
"Only Hindus should be employed at the Tirumala Temple. If individuals from other religions are currently working there, they will be relocated to other places without hurting their sentiments," says Andhra Pradesh CM N Chandrababu Naidu" pic.twitter.com/GUAFPtbviK
— ANI (@ANI) March 21, 2025
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मंदिर के पास व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक
तिरुमाला के सेवन हिल्स इलाके में व्यावसायिक गतिविधियों को लेकर भी नायडू ने बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि सेवन हिल्स के पास मुमताज होटल बनाने की अनुमति पहले दी गई थी, लेकिन अब इस पर रोक लगा दी गई है. उनकी सरकार ने होटल निर्माण की अनुमति वापस ले ली है.
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तंज कस रहे विपक्षी नेता
महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र पर छिड़े राजनीतिक संग्राम के बीच नायडू भी विपक्षी नेताओं के निशाने पर हैं. उद्धव ठाकरे ने दो दिन पहले कहा था कि जब औरंगजेब की कब्र तोड़ी जाए, तब चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार को भी बुला लेना चाहिए. ठाकरे ने यह तंज नायडू की सेक्युलर इमेज को ध्यान में रखकर कसा था. इसके बाद कयास लग रहे थे कि हिंदूवादी संगठन जिस तरह औरंगजेब की कब्र के मुद्दे पर आक्रामक हैं, उसको लेकर एनडीए में अंतर्विरोध हैं. नायडू ने इस फैसले से ऐसी किसी संभावना को खारिज कर दिया है. साथ ही, विपक्षी पार्टियों को यह संदेश भी दे दिया है कि वे भाजपा के साथ मजबूती से खड़े हैं. जाहिर है, भाजपा के लिए इससे ज्यादा खुशी की बात क्या हो सकती है.
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'तिरुपति मंदिर में केवल हिंदू स्टाफ'- नायडू का ये ऐलान भाजपा को खुश करने की कोशिश या विपक्षी पार्टियों को संदेश?