डीएनए हिंदी: लोकसभा चुनाव में अब सिर्फ 6 महीने का समय बचा है. कांग्रेस और बाकी विपक्षी पार्टियों ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ INDIA गठबंधन बनाया था लेकिन अब यह गठबंधन खटाई में पड़ता दिख रहा है. INDIA गठबंधन में शामिल होने के बावजूद अखिलेश यादव और नीतीश कुमार खुलकर बयानबाजी कर रहे हैं. समय बीतने के बावजूद सीट शेयरिंग पर सहमति बन न पाने के चलते नीतीश कुमार साफ-साफ कह चुके हैं कि गठबंधन में कोई काम नहीं हो रहा है. अखिलेश यादव विधानसभा चुनाव में तवज्जो न दिए जाने पर नाराजगी जता चुके हैं. ममता बनर्जी की नाराजगी की बातें भी कही जा रही हैं. ऐसे में खबरें आ रही हैं कि गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है.
नीतीश कुमार ने जिस तरह INDIA गठबंधन में शामिल सीपीएम की पटना में आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए गठबंधन में कोई काम नहीं होने को लेकर कांग्रेस पर ठीकरा फोड़ा उससे इस बात की पुष्टि हो गई है कि गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. वैसे, कहा यह भी जा रहा है नीतीश की राजनीति हमेशा से 'दबाव' की रही है. हाल के दिनों में देखें तो उन्होंने अपने ही सहयोगी दल आरजेडी को भी विकास के मुद्दे पर आईना दिखाया है. इससे पहले भी जब वह बीजेपी के साथ थे, तब भी वे सहयोगी दलों पर दबाव की राजनीति करते रहे थे.
नीतीश नहीं बन पाए थे INDIA के संयोजक
माना जा रहा है कि नीतीश कुमार कांग्रेस और आरजेडी के रवैये से नाराज हैं. नीतीश को इसका साफ संकेत मिल चुका है कि कांग्रेस जिस तरह आरजेडी के साथ मजबूती और विश्वास के साथ खड़ी है, उतना जेडीयू पर विश्वास नहीं कर रही है. ऐसे में नीतीश आशंकित भी हैं. विपक्षी दलों के गठबंधन की पहली बैठक जब पटना में हुई थी, तब जिस तरह नीतीश कुमार के संयोजक बनने की चर्चा हुई थी, उसके बाद के बैठकों में इस चर्चा पर न केवल विराम लग गया बल्कि गठबंधन की ड्राइविंग सीट पर कांग्रेस बैठती नजर आई.
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वैसे, कई मौकों पर नीतीश कुमार कह चुके हैं कि कांग्रेस के बिना विपक्षी गठबंधन की कल्पना नहीं की जा सकती. माना यह भी जाता है कि नीतीश के कारण ही कांग्रेस से नाराज दल भी इस गठबंधन में साथ आए थे लेकिन समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव अब कांग्रेस से सार्वजनिक तौर पर नाराजगी जाहिर कर दी है. माना जा रहा है कि सीट बंटवारे की जल्द चर्चा नहीं होने को लेकर नीतीश कुमार कांग्रेस से नाराज हैं। वैसे, कहा यह भी जा रहा है कि क्षेत्रीय दल कांग्रेस को अपनी जमीन देने को तैयार नहीं है.
बिहार की राजनीति के जानकार अजय कुमार कहते हैं कि दिल्ली, बंगाल केरल,और यूपी में इंडिया के घटक दलों को कांग्रेस के खतरनाक रवैये से असहज होना स्वाभाविक है. क्षेत्रीय दल अपनी मजबूत सियासी जमीन पर कांग्रेस को ज्यादा स्पेस देने से हिचकिचा रहे हैं. सभी क्षेत्रीय दल सीटों के बंटवारे को लेकर जल्द बातचीत शुरू करना चाहते हैं. अजय कुमार यह भी मानते हैं कि इंडिया गठबंधन में जल्द सबकुछ ठीक नहीं हुआ तो नीतीश कुमार अन्य विकल्प की तलाश में जुट सकते हैं.
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नीतीश से मिलने पहुंचे थे लालू यादव
नीतीश की कांग्रेस से नाराजगी सार्वजनिक तौर पर व्यक्त करने के बाद आरजेडी के अध्यक्ष लालू प्रसाद और बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शुक्रवार की शाम मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर नीतीश कुमार से मुलाकात की है. हालांकि, इन नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई इसका पता नहीं चल सका है. इधर, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर साफ कहते हैं कि इस गठबंधन में नीतीश कुमार की सीमित भूमिका है. लोग नीतीश के संयोजक बनने की बात करते हैं लेकिन सवाल है कि कोई क्यों उन्हें बनाएगा. इंडिया गठबंधन में सबसे बड़ा दल कांग्रेस है, दूसरे नंबर पर टीएमसी है, जेडीयू की क्या ताकत है, जो नीतीश कुमार इसके संयोजक बनेंगे? यह भ्रम फैलाया जा रहा है.
उन्होंने साफ लहजे में कहा कि अगर इस गठबंधन में नीतीश रहेंगे तो उनकी एक बहुत सीमित भूमिका होगी. उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में महागठबंधन बनना प्रदेश की घटना है, उसका राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव नहीं. वैसे, राजनीतिक दलों की मानें तो एनडीए गठबंधन में शामिल पार्टियों के नेता कहते हैं कि इंडिया गठबंधन कभी सफल नहीं होगा जबकि इंडिया गठबंधन में शामिल नेताओं का दावा है कि गठबंधन में सबकुछ ठीक है. सीपीएम के राष्ट्रीय सचिव डी राजा ने दावा किया कि तीन दिसंबर को पांच राज्यों के चुनाव के बाद सीट बंटवारे को लेकर चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने सकारात्मक बात कही है.
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कांग्रेस से नाराज हैं नीतीश और अखिलेश, INDIA गठबंधन का क्या होगा?