डीएनए हिंदीः राजसथान के बाड़मेर में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक बच्ची को जन्म के बाद कोई झाड़ियों में फेंक कर चला गया था. 4 दोस्त मॉर्निंग वॉक पर निकले तो उन्हें बच्ची की चीख सुनाई दी. एक नवजात मासूम बच्ची को मरने के लिए एक पैकेट बंदकर मरने के लिए झाड़ियों में फेंक दिया गया. उन्होंने पैकेट को खोला तो उसमें मासूम नवजात को देखकर वे दंग रह गए. उन्होंने मासूम को बालोतरा के राजकीय नाहटा चिकित्सालय में भर्ती करवाया है. वहां उसका इलाज चल रहा है.
रेलवे स्टेशन के पास मिली थी बच्ची
रेलवे स्टेशन की झाड़ियों के बाद बच्ची को काफी नाजुक हालत में पाया गया. चार दोस्तों ने बच्ची के रोने की आवाज सुनी तो उन्होंने तुरंत ही उसे झाड़ियों से उठाया और अस्पताल पहुंचाया. मांगीलाल, प्रकाश कुमार, राजू और मुकेश सुबह टहलने के बाद वापस घर लौट रहे थे. मुकेश ने बताया कि झाड़ियों में बच्ची के रोने की आवाज आ रही थी. काफी देर ढूंढने के बाद नवजात बच्ची एक लिफाफे में मिली. जो शॉल से ढका हुआ था.
बच्ची की हालत थी काफी नाजुक
ठंड की वजह से नवजात का बॉडी टेंप्रेचर कम हो गया था, अब नॉर्मल है. बच्ची का वजन 2 किलोग्राम 700 ग्राम के आसपास है और करीब 15 घंटे पहले नवजात का जन्म हुआ है. जिसके बाद किसी ने उसे कोई झाड़ियों में फेंक गया. युवकों के मुताबिक इस इलाके में स्ट्रीट डॉग्स और सूअरों का काफी आतंक है. अच्छा हुआ वे लोग पहुंच गए अन्यथा स्ट्रीट डॉग्स उस बच्ची को अपना शिकार बना सकते थे या फिर सूअर उसे नुकसान पहुंचा सकते थे. बालोतरा पुलिस अब इस मामले की जांच में जुट गई है. पुलिस के मुताबिक आसपास के प्राइवेट और सरकारी हॉस्पिटल में डिलीवरी वाले मामलों की जांच की जाएगी. सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला जाएगा.
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कड़ाके की सर्दी में झाड़ियों में मिली 15 घंटे पहले जन्मी बच्ची, 4 दोस्तों ने बचाई जान