कानपुर में इजरायली मशीन से बूढ़ों को जवान बनाने के मामले में नया खुलासा हुआ है. इस मामले का मुख्य आरोपी राजीव कुमार दुबे ने पुलिस के सामने खुद को सरेंडर दिया है. इसी बीच उस व्यक्ति का भी पता लग गया है जिसने इस ऑक्सीजन थेरेपी मशीन का आविष्कार किया था. इस व्यक्ति का नाम मोहक श्रीवास्तव बताया जा रहा है.
मोहक श्रीवास्तव ने बताया कि एक साल पहले राजीव कुमार दुबे उनके पास गए थे और एक ऐसी मशीन बनाने को कहा था जिसे देखकर लोग तय ही न कर पाएं कि वो इजरायल से बनी है या भारत में. मोहक श्रीवास्तव किदवई नगर में रहते हैं और रनिया में उनकी 'वायु इंडस्ट्रीज' नाम से एक गैस प्लांट निर्माण फैक्ट्री है.
इसी फैक्ट्री से राजीव कुमार ने ऑक्सीजन थेरेपी देने वाली मशीन बनाने को कहा था. इस काम के लिए दोनों के बीच में 40 लाख रुपये में डील हुई थी. राजीव कुमार ने मोहक को इजरायल में आयोजित रिसर्च के वीडियो दिखाए थे. मोहक ने कहा था कि इजरायल की तकनीक पर मशीन का निर्माण करना संभव नहीं है, फिर भी राजीव ने बाजार में 'इजरायली मशीन' नाम से फंडिंग जुटाना शुरू कर दिया था.
ऐसे बने थे दोस्त
मोहक श्रीवास्तव ने बताया कि राजीव दुबे ने उनकी पहली बातचीत साल 2022 में उनके जिम में हुई थी. राजीव कुमार कानपुर में एक जिम चलाते थे. दोनों की जब दोस्ती हो गई तब राजीव ने मोहक को हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी (HBTO) चेंबर मशीन बनाने का ऑर्डर दिया था. वे एक ऐसा चैंबर बनाने की बात कर रहे थे जहां बैठने की व्यवस्था होती है. इस मशीन में 93 से 95 % शुद्धता के साथ ऑक्सीजन का संचार किया जाता है. इसे ही ऑक्सीजने थेरेपी कहा जाता है.
दोनों के बीच छिड़ा विवाद
मोहक बताते हैं कि राजीव और मेरे बीच 40 लाख रुपये में डील तय हुई थी लेकिन समय पर पूरी कीमत न मिलने पर दोनों के बीच विवाद छिड़ गया था. बकौल मोहक मशीन निर्माण में 40 लाख रुपये में तय हुआ था, लेकिन हमें 18.50 लाख मिले और बाकी राशि शेष रह गई. बाकी राशि भी इतने छोटे हिस्सों में मिली कि छह महीने में 10 से 11 लाख रुपये ही मिल पाए. यही वजह थी कि हमारे बीच विवाद हुआ. राजीव ने मोहक का पूरी कीमत न देकर दूसरी पार्टी से काम करवाया. उस पार्टी को पूरा पैसा दे दिया.
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क्या है बूढ़ों को जवान बनाने का मामला?
आपको बता दें बीते दिनों कानपुर में जिम चलाने वाले दंपति ने जवान बनाने का झांसा देकर 50 हजार से 2 लाख रुपये तक ठगे थे. नेटवर्क मार्केटिंग की तर्ज पर 500 से ज्यादा लोगों को जोड़ा. दंपति का दावा था कि उन्होंने इजरायल से एक टाइम मशीन मंगाई है जिससे इलाज होने पर 65 का व्यक्ति 25 का लगने लगता है. फर्जीवाड़ा सामने आने पर स्वरूप नगर निवासी रेणु सिंह चंदेल ने आरोपियों के खिलाफ 20 सितंबर को किदवई नगर थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था.
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बूढ़ों को जवान बनाने के मामले में नया खुलासा, इस व्यक्ति ने बनाई थी ऑक्सीजन थेरेपी मशीन, समझें पूरी कहानी