डीएनए हिंदी: फरीदाबाद पुलिस (Faridabad Police) ने शनिवार रात में महिलाओं की सुरक्षा के लिए मुफ्त में पिक-एंड-ड्रॉप सुविधा शुरू की है. इस अहम फैसले को लेकर पुलिस ने कहा कि महिलाएं पुलिस कंट्रोल रूम के नंबरों पर कॉल करके सेवा का लाभ उठा सकती हैं. पुलिस ने कहा कि इस कदम से महिलाओं के खिलाफ रात में होने वाले अपराधों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी. इस मामले में पुलिस ने कहा है कि पुलिस ने कहा कि जिले में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शनिवार रात में पिक एंड ड्रॉप की पहल की गई थी और स्थानीय परिवहन सुविधाओं के अपर्याप्त होने की बार-बार शिकायतें आ रही थीं.
इस बड़े फैसले को लेकर पुलिस उपायुक्त (एनआईटी) नरेंद्र कादियान ने कहा, "कोई भी महिला जिसे रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच घर वापस जाने के लिए वाहन नहीं मिल पाता है, वह पुलिस हेल्पलाइन नंबरों - 9999150000, 0129-2227200 और 7290010000 पर कॉल कर सेवा का अनुरोध कर सकती है. यह पूरे सप्ताह उपलब्ध रहेगा. एक पुलिस कंट्रोल रूम (पीसीआर) वैन या एक स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) वाहन मौके पर पहुंचेगा और महिला को सुरक्षित उसके गंतव्य तक पहुंचाएगा.
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डीसीपी कादियान ने कहा कि अगर किसी महिला को कैब या ऑटोरिक्शा में अकेले यात्रा करना असुरक्षित लगता है, तो वे पुलिस से भी सहायता ले सकती हैं और सेवा का लाभ उठा सकती हैं. पुलिस ने कहा कि उन्होंने फरीदाबाद जिले में एक जागरूकता अभियान भी शुरू किया है और इस पहल के बारे में प्रचार करने के लिए टीमें निजी कंपनियों और मंचों से मिल रही हैं. पुलिस ने कहा कि इसके अलावा बस स्टैंड, रेलवे स्टेशनों और मेट्रो स्टेशनों पर पर्चे बांटे जा रहे हैं ताकि अधिक से अधिक महिलाओं को इस सुविधा के बारे में पता चल सके।
इस मामले में फरीदाबाद के पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने कहा कि महिलाओं की सहायता के लिए पुलिस के पास 32 एसएचओ वाहन, 52 आपातकालीन बचाव वाहन (ईआरवी) और छह दुर्गा शक्ति रैपिड एक्शन फोर्स वाहन हैं. शहर में अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा तीन महिला अधिकारी भी स्टेशन हाउस अधिकारियों के रूप में तैनात हैं.
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि कि टीमें शहर के औद्योगिक और दूरदराज के इलाकों में गश्त कर रही हैं, जहां महिलाओं को सार्वजनिक परिवहन का लाभ उठाने में मुश्किल होती है. उन्होंने कहा, "हमने ऑटोरिक्शा चालकों से भी कहा है कि वे महिला यात्रियों को शाम सात बजे के बाद व्यावसायिक स्थानों से चुनें ताकि उन्हें सड़कों पर इंतजार न करना पड़े या अलग-अलग हिस्सों में अकेले न चलना पड़े."
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पुलिस ने कहा कि महिला थानों के एसएचओ को निर्देशित किया गया है कि वे अधिकतम पेइंग गेस्ट आवास, कॉर्पोरेट कार्यालयों, उद्योगों, कॉलेजों और स्कूलों में जहां महिलाएं/लड़कियां बड़ी संख्या में रहती हैं या पढ़ती हैं. वहां का दौरा करें. उन्हें नियमित रूप से मिलने और सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जागरूक करने का निर्देश दिया गया है.
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