NDLS Stampede: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कल रात मौजूद भारी भीड़ की वजह से भगदड़ मच गई. इस भगदड़ की स्थिति में 18 लोगों की जानें गई हैं. वहीं कई लोग जख्मी हो गए हैं. जख्मी लोगों को उपचार के लिए एलएनजेपी अस्पताल में दाखिल कराया गया है. इस भगदड़ में कई लोगों ने अपनी आंखों के सामने अपने लोगों को खोते हुए देखा. इन्हीं में से एक बिहार के सोनपुर निवासी पप्पू हैं, उनकी नजरों के सामने ही उनकी सास की मौत हो गई. इस घटना को लेकर उनका दर्द झलक उठा. इंडिया टूडे की खबर के अनुसार पप्पु ने बताया कि यदि वक्त रहते उनकी सास को उपचार के लिए हॉस्पिटल ले जाया जाता तो उनकी जान बच सकती थी.

पप्पू ने सुनाई अपनी आपबीती
इस घटना की वजह से पप्पु सदमे में हैं. उन्होंने बताया कि 'उनकी सास उनकी आंखों के सामने इस दुनिया से चली गईं. वो लगभग 50 साल की थीं. पप्पु ने बताया कि वो लोग दोपहर को ही प्लेटफॉर्म पर आ गए थे. वो 4 बजे वहां पर पहुंच चुके थे. उन्हें दानापुर जाना था. वहां से वो सोनपुर के लिए निकलते. वो पहले से ही प्लेटफॉर्म संख्या 15 पर प्रतीक्षा कर रहे थे. वहीं रात के 9 बजे के करीब वहां पर भगदड़ की स्थिति उतपन्न हो गई. इस वजह से कई लोग इसके चपेट में आ गए, और दब गए.'

भीड़ ने अचानक आने से मची भगदड़
लोग अपनों को बचाने की तमाम कोशिशें करते रहे. परिवारवाले एक-दूसरे को सुरक्षित करने की तमाम प्रयास करते रहे, लेकिन फिर भी दबने और दम घुटने से कई लोगों की मौत हो गई. पप्पु ने बताया कि उसकी सास भी भगदड़ में दबने से अचेत हो गई. बेहोशी की स्थिति में वहीं गिर पड़ी. उस समय कहीं भी एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं थी. समय पर उनका उपचार हो गया होता तो वो बच जातीं. उन्होंने आगे बतायआ कि सबकुछ प्लेटफॉर्म पर सही से चल रहा था, कि तभी यकायक भीड़ का आगमन हुआ, और अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई. 

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NDLS Stampede railway station a man who lost his mother in law told story of baghdad
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NDLS Stampede: 'समय पर इलाज हो जाता तो बच जाती', सास को खोने वाले शख्स ने बताई भ
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New Delhi Railway Station Stampede
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NDLS Stampede: 'समय पर इलाज हो जाता तो बच जाती', सास को खोने वाले शख्स ने बताई भगदड़ की आपबीती

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