डीएनए हिंदी: देश की राजनीति के लिए मंगलवार का दिन काफी रोमांचक रहा. बेंगलुरु में विपक्षी गठबंधन की मीटिंग हुई और इसका नया नाम INDIA रखा गया. दूसरी तरफ, दिल्ली में बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन की मीटिंग हुई. इस NDA गठबंधन में 39 पार्टियां शामिल हुईं. एनडीए ने एक सुर में यह प्रस्ताव पारित किया है कि नरेंद्र मोदी ही उसकी तरफ से प्रधानमंत्री पद का चेहरा होंगे. यानी 2024 में भी लोकसभा का चुनाव पीएम मोदी की अगुवाई में ही लड़ा जाएगा. एनडीए में शामिल पार्टियों के नेताओं ने पूर्ण बहुमत लाने का संकल्प लिया है. यह बैठक एनडीए की स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने के मौके पर आयोजित की गई थी.
दिल्ली के अशोक होटल में हुई एनडीए की बैठक में 2024 का लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लड़ने और उन्हें लगातार तीसरी बार देश का पीएम बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया. एनडीए ने अपने प्रस्ताव में विपक्षी एकजुटता पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष अपनी पहचान के संकट से जूझ रहा है. आज का विपक्ष भ्रम और भटकाव से घिरा हुआ है. शिवसेना के अध्यक्ष एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बैठक में एनडीए का यह प्रस्ताव रखा. एआईएडीएमके के पलानीसामी और असम गण परिषद के अतुल बोरा ने प्रस्ताव का समर्थन किया.
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PM मोदी के नाम पर पूर्ण सहमति
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में हुई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन अर्थात एनडीए की बैठक में 39 घटक दलों ने भाग लिया. यह बैठक एनडीए की स्थापना के 25 सफल वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित की गई. एनडीए की बैठक में पारित प्रस्ताव में मोदी सरकार के 9 वर्ष के कार्यकाल की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए यह कहा गया कि अपनी कर्मशीलता, कर्मठता, अथक परिश्रम तथा देशसेवा के प्रति निस्वार्थ समर्पण से भारत को प्रगति-पथ पर आगे ले जाने और अपने नेतृत्व से अनेक अवसरों पर देशवासियों को गौरव की सुखद अनुभति कराने के लिए एनडीए के सभी साथी दल जन-मन के बीच सर्व-प्रिय तथा सर्व-स्वीकार्य जननेता नरेंद्र मोदी का अभिनंदन करते हैं. एनडीए घटक सर्वसम्मति से यह संकल्प लेते हैं कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की इस विकास-यात्रा के सहभागी के रूप में- हम एक हैं, एकजुट हैं, एकमत हैं. देश को प्रगति-पथ पर आगे बढ़ाने के लिए एनडीए के सभी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी व लोकप्रिय नेतृत्व का अभिनंदन भी किया.
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प्रस्ताव में कहा गया कि एनडीए के गठन को 25 साल हो गए हैं. इन 25 वर्षों में एनडीए ने सुशासन के उच्च मानक स्थापित किए हैं. एनडीए की सरकार जब भी सत्ता में आई है, उसने राष्ट्र प्रथम की भावना और जनकल्याण के उद्देश्य को सर्वोपरि मानकर काम किया है. 1998 से 2004 तक अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार हो या 2014 से अबतक नरेंद्र मोदी की सरकार हो, एनडीए सरकार ने सदैव देश की क्षेत्रीय आकांक्षाओं को समर्थन देते हुए राष्ट्र-निर्माण की भावना के साथ काम किया है. राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती, सुशासन की स्थापना, आधारभूत संरचना का निर्माण, गरीबों-पिछड़ों के जीवनस्तर में सुधार तथा विश्वपटल पर भारत की प्रतिष्ठा जैसे विषय एनडीए सरकार की प्राथमिकता में रहे हैं. विशेषकर पिछले नौ वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सेवा, सुशासन और विकास की दृष्टि से एनडीए सरकार ने जैसा काम किया है, वह अभूतपूर्व है.
प्रस्ताव में आगे कहा गया कि 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए को जनता का जो आशीर्वाद मिला, वह पांच साल बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में और बढ़ा. विपक्षी दलों के झूठ, अफवाह और बेबुनियाद बयानों को सिरे से नकार कर देश की जनता एनडीए नेतृत्व पर विश्वास जता रही है. विपक्ष अपनी पहचान के संकट से जूझ रहा है. आज का विपक्ष भ्रम और भटकाव से घिरा हुआ है.
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NDA ने कर लिया फैसला, 2024 में नरेंद्र मोदी ही होंगे पीएम कैंडिडेट