डीएनए हिंदी: पटियाला के केंद्रीय कारागार में करीब 10 महीने बिताने के बाद कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) शनिवार को रिहा हो गए हैं. सिद्धू के बाहर आते ही जेल के बाहर खड़े कार्यकर्ताओं ने ढोल-नगाड़े बजाकर उनका भव्य स्वागत किया. इतना ही नहीं पूर्व क्रिकेटर के समर्थकों ने ‘नवजोत सिद्धू जिंदाबाद’ के नारे भी लगाए. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 19 मई को रोड रेज के मामले में सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई थी. लेकिन जेल में उनके अच्छे व्यवहार के कारण 2 महीने पहले ही रिहा कर दिया गया.
जेल से बाहर आने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं बची है. लोकतंत्र बेड़ियों में जकड़ा है, संस्थान गुलाम हो गए हैं. पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश हो रही है. जब भी तानाशाही आई, क्रांति हुई है और आज मैं कहता हूं कि क्रांति का नाम राहुल गांधी है.' उन्होंने कहा कि देश में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है. सिद्धू ने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि अगर पंजाब को कमजोर करने की कोशिश की तो खुद ही कमजोर हो जाओगे.
'एक सिद्धू तो मरवा दिया, दूसरा भी मरवा दो'
इसके अलावा सिद्धू ने आरोप लगाया कि जेल में मेरे साथ साजिश रची गई. मुझे दोपहर के आसपास रिहा किया जाना था लेकिन उन्होंने इसमें देरी की. वे चाहते थे कि मीडिया के लोग चले जाएं. सिद्धू ने भगवंत मान पर आरोप लगाया कि वह सिर्फ मुख्यमंत्री बनकर रह गए हैं. पंजाब में नेताओं की सुरक्षा कम किए जाने के मुद्दे पर उन्होंने कि मेरी भी सिक्योरिटी कम की गई. एक सिद्धू (सिद्धू मूसेवाला) तो मरवा दिया दूसरा भी मरवा दो.
पिता की रिहाई पर करण सिद्धू ने जताई खुशी
नवजोत सिद्धू के बेटे करण सिद्धू ने कहा कि पूरा परिवार उनके पिता की जेल से रिहाई का बेसब्री से इंतजार कर रहा था. करण ने कहा कि पिछला कुछ समय उनके परिवार के लिए बहुत मुश्किल भरा रहा, लेकिन अब उनके पिता को जेल से रिहा हो गए हैं तो उन्हें बहुत खुशी हो रही है. नवजोत सिद्धू के स्वागत के लिए समर्थकों ने पटियाला शहर में कई जगहों पर उनके पोस्टर और होर्डिंग लगाए.
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पिछले साल भेजा गया था जेल
जेल के बाहर खड़े एक समर्थक ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता सिद्धू की रिहाई को लेकर बहुत खुश हैं. कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक नवतेज सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब के लोग सिद्धू के जेल से बाहर आने का इंतजार कर रहे हैं. सिद्धू को वर्ष 1988 के रोड रेज मामले में एक साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी. कांग्रेस की पंजाब इकाई के पूर्व प्रमुख ने पटियाला की एक अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था, जिसके बाद उन्हें पिछले साल 20 मई को जेल भेज दिया गया था.
सिद्धू के वकील एच पी एस वर्मा ने शुक्रवार को बताया था कि कारावास के दौरान नवजोत सिद्धू के अच्छे आचरण के कारण उनकी रिहाई समय से पहले हो रही है, जैसा कि नियमों के तहत अनुमति है. नवजोत सिद्धू के परिवार को उनकी रिहाई के संबंध में पटियाला जेल के प्राधिकारियों से सूचना मिली थी.
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परिवार से मिलने के बाद जाएंगे धार्मिक स्थल
सूत्रों ने बताया कि जेल से रिहा होने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू पहले अपने घर जायेंगे और परिवार से मिलेंगे. इसके बाद धार्मिक स्थल जाएंगे और फिर डॉक्टर से परमिशन लेंगे की उनकी पत्नी उनके साथ कहीं जा सकती हैं कि नहीं.
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जेल से निकलते ही सरकार पर जमकर बरसे सिद्धू, बोले- 'एक सिद्धू तो मरवा दिया, दूसरा भी मरवा दो'