डीएनए हिंदी: साल 2013... यूपी वेस्ट का मुजफ्फरनगर जिला... अगस्त महीने की 27 तारीख... ये काला दिन शायद ही मुजफ्फरनगर और आसपास के जिलों के लोग कभी भूल पाएं. 27 अगस्त को 2013 में कवाल इलाके में दो जाट युवाओं- गौरव और सचिन की  पीट-पीटकर कर हत्या कर दी गई. इसके बाद सरकारी लापरवाही की वजह से कंवाल से शुरू हुआ दंगा आसपास के जिलों में भी भड़का गया. मुजफ्फनगर और आसपास के जिलों में सियासतदान पहुंचने लगे. जमकर सियासत हुई, जिस वजह से हजारों लोग बेघर हो गए. परिणाम ये हुआ कि प्रदेश की सरकार बदल तक गई, सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी और लंबे समय से यूपी में वनवास झेल रही भाजपा की घर वापसी हो गई... लेकिन एक सवाल जो पीछे छूट गया वह यह कि जिन दो लड़कों की हत्या के बाद यह दंगा भड़का, जिनकी हत्या पर नेताओं ने रोटियां सेंकी... क्या उनके परिवार को इंसाफ मिल पाया.

मुजफ्फरनगर इन दिनों फिर से सुर्खियों में है. वजह है खतौली उपचुनाव. खतौली में 5 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे. यह विधानसभा सीट भाजपा के विधायक विक्रम सैनी को अयोग्य घोषित किए जाने की वजह से खाली हो गई. विक्रम सैनी को मुजफ्फरनगर दंगे से जुड़े मामले में दोषी पाए गए थे. यहां भाजपा ने उनकी पत्नी को प्रत्याशी बनाया है जबकि रालोद-सपा गठबंधन ने बाहुबली मदन भैया को टिकट दिया. इन दोनों के अलावा एक और प्रत्याशी जो सबका ध्यान अपनी तरफ खींच रहा है वो हैं सुरेश देवी. सुरेश देवी गौरव की मां हैं. वहीं गौरव जिनकी हत्या 27 अगस्त 2013 को हुई थी.

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गौरव की हत्या के बाद मुजफ्फरनगर में दो समुदायों की बीच तनाव बढ़ गया था जिसका फायदा सियासत करने वालों ने जमकर उठाया. अब गौरव की मां खुद चुनाव मैदान में हैं. गौरव के पिता का कहना है कि इस बार वह कंवाल कांड का फायदा भाजपा को नहीं लेने देंगे. उनका कहना है कि भाजपा मुजफ्फरनगर के हर चुनाव में कंवाल का मुद्दा उठाती है जबकि हकीकत यह है कि वर्तमान सरकार उनके गांव की सुध नहीं ली है. उन्होंने मीडिया से कहा कि निर्दोष होने के बाद भी उनके परिवार को अदालती लड़ाई लड़नी पड़ रही है. इसीलिए उनकी पत्नी चुनाव मैदान में हैं.

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गौरव का परिवार भाजपा से क्यों नाराज?
कंवाल में जान गंवाने वाले गौरव के परिवार ने बताया कि उनके बेटे की हत्या के बाद भाजपा नेताओं ने वादा किया था कि गौरव के नाम पर सड़क बनवाई जाएगी. सरकार बनने पर उनके मुकदमे लड़े जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. गौरव के पिता ने कहा कि हमारे बेटे के नाम पर भाजपा ने सिर्फ सियासी रोटियां सेंकी और अपने वादे भूल गए. हर चुनाव में हमारे बच्चों की बात होती है लेकिन होता कुछ नहीं है. इसीलिए हम यह चुनाव लड़ रहे हैं. 17 नवंबर को चुनाव लड़ने के लिए सुरेश देवी का पर्चा भरवाने के बाद गौरव के पिता ने कहा कि भाजपा भी अन्य पार्टियों की तरह ही है.

भाजपा बोली- हम परिवार के साथ
हालांकि इस मसले पर भाजपा नेताओं का कहना है कि पूरी पार्टी हमेशा उनके साथ खड़ी है. हर बरसी पर जिले के नेता उनके घर जाते हैं. भाजपा नेताओं ने कहा कि विक्रम सैनी ने हिंदुत्व की लड़ाई लड़ी है जिसकी सजा उन्हें मिली.

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muzaffarnagar riot gaurav mother suresh devi not happy with bjp contesting khatauli bye elections
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खतौली: जिसकी हत्या के बाद भड़के मुजफ्फरनगर दंगे, उनकी मां लड़ रहीं उपचुनाव, भाजप
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कंवाल गांव में उन्मादी भीड़ ने गौरव और सचिन की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.
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कंवाल गांव में उन्मादी भीड़ ने गौरव और सचिन की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.

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मुजफ्फरनगर उपचुनाव: दंगों की बलि चढ़ गया था बेटा, इंसाफ दिलाने के लिए मां लड़ रही चुनाव