Mumbai Crime: बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में एक समलैंगिक दंपति को जमानत दी है, जिन्हें 5 साल की बच्ची के अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. दोनों महिलाएं पिछले 8 महीने से जेल में थीं. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है, लेकिन यह जमानती अपराध की श्रेणी में आता है.
कोर्ट नहीं कही ये बात
जस्टिस मनीष पिताले की एकल पीठ ने 19 नवंबर को दिए अपने आदेश में कहा कि महिलाएं LGBTQ समुदाय से हैं. लंबे समय से समाज और जेल में उपहास का सामना कर रही हैं. कोर्ट ने माना कि उन्होंने बच्चा पाने की चाहत में गलत कदम उठाया, लेकिन बच्ची के साथ किसी प्रकार का दुर्व्यवहार नहीं हुआ है. मार्च 2024 में मुंबई के एक उपनगरीय क्षेत्र में बच्ची के माता-पिता ने अपनी बेटी के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी. अगले दिन बच्ची को दंपति के घर से बरामद किया गया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. जांच में पता चला कि दंपति ने मामले के अन्य आरोपियों को 9,000 रुपये देकर बच्ची को हासिल किया था.
दंपति का पक्ष
दंपति ने अपनी याचिका में बताया कि वे पिछले 10 वर्षों से लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे थे. साथ ही बच्चे की चाहत रखते थे. उन्होंने यह भी कहा कि बच्ची के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं किया गया. कोर्ट ने कहा कि जैविक रूप से बच्चा पैदा करना उनके लिए संभव नहीं था. अब वे गोद लेने के लिए भी अयोग्य हो सकते हैं. हालांकि, जमानत देते हुए यह भी माना गया कि उनके इरादों में किसी प्रकार की हिंसा या शोषण शामिल नहीं था.
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