डीएनए हिंदी: मुंबई में 1992 में हुए दंगा आरोपी को तबरेज खान मंसूरी को पुलिस ने 30 साल बाद गिरफ्तार कर लिया. आरोपी दंगों के बाद से ही मुंबई में अपनी पहचान छिपाकर रह रहा था. पुलिस ने आरोपी को मुंबई से ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. पुलिस इस मामले में फरार चल रहे अन्य आरोपियों की तलाश भी तेज कर दी है. पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपी ने दंगे में मुख्य भूमिका निभाई थी. पुलिस ने इस मामले में 9 लोगों को आरोपी बनाया था. इनमें से तबरेज खान मंसूरी भी एक था.
दरअसल आज से 30 साल पूर्व 1992 में मुंबई के मलाड इलाके में कई जगहों पर भारी हिंसा हुई थी. इस हिंसा को भड़काने में तबरेज मंसूरी समेत उसके 8 साथियों ने अहम भूमिका निभाई थी. पुलिस ने 9 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. तभी से पुलिस दंगों में मुख्य भूमिका निभाने वाले तरबेज मंसूरी की तलाश में लगी हुई थी. कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ नोटिस चस्पा किए. उसके न पहुंचने पर समन जारी किया गया. इसके बाद भी आरोपी जब कोर्ट नहीं पहुंचा तो तबरेज मंसूरी को 2004 में आरोपी को भगोड़ा घोषित कर दिया गया.
रियल एस्टेट एजेंट का काम कर रह था तरबेज
दंगों का मुख्य आरोपी तरबेज ने पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए अपनी पहचान बदल ली थी. वह मुंबई के अलग अलग इलाकों में रहकर रियल एस्टेट एजेंट का काम कर रहा था. पिछले 30 साल से फरार आरोपी 47 वर्षीय तरबेज खान को मुंबई पुलिस ने दबोचकर कोर्ट में पेश किया. जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
बरी हो चुके हैं दो आरोपी 1 की मौत बाकी फरार
पुलिस के अनुसार, दंगे भड़काने के आरोप में नामजद 9 आरोपियों में से दो बरी हो चुके हैं, जबकि एक की जांच विवेचना के दौरान ही मौत हो गई थी. छह आरोपी कोर्ट पुलिस गिरफ्तारी के बाद कोर्ट पहुंचे. यहां से जमानत मिलने के बाद आरोपी हाजिर नहीं हुए हैं. वहीं मुख्य आरोपी तरबेज खान भी फरार चल रहा था, जिसे गिरफ्तार करने में पुलिस ने 30 साल बाद कामयाबी पाई है. आरोपी गिरोह का मास्टरमाइंड था.
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1992 में दंगों का आरोपी 30 साल बाद चढ़ा पुलिस के हत्थे, रियल एस्टेट एजेंट के रूप में कर रहा था काम