डीएनए हिंदी: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में लगातार बाघों की मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है. हाल में में एक बाघ की मौत की खबर आने के बाद अब चार दिन में एक अन्य बाघ की भी मौत की पुष्टि हुई है. इसके चलते अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या देश के टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश (Tiger State) में ही बाघ सुरक्षित नहीं हैं. बता दें कि दोनों ही बाघों की मौत बांधव गढ़ के टाइगर रिजर्व में हुई है.
एक रिपोर्ट के अनुसार काचोदर बीट के बसाढ़ नदी के किनारे शुक्रवार सुबह बाघ का शव मिला है. घटना की सूचना मिलने के बाद वन विभाग मौके पर पहुंचा और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है पिछले चार दिनों में यह दूसरे बाघ की मौत है. बताया जा रहा है कि यह बाघ काफी दिनों से बीमार था, और इसकी आवाज आसपास सुनाई पड़ रही थी.
बीमार बाघ की आवाज सुनने के बावजूद वन विभाग के अधिकारियों ने इस दिशा में कोई ध्यान नहीं दिया और लापरवाही बरती गई. जानकारी के मुताबिक वन विभाग ने बाघ के उपचार तक पर कोई फोकस नहीं किया और इसके चलते ही बाघ की मौत हो गई.
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बता दें कि 26 दिसंबर को भी बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के खितौली रेंज में एक 15 माह के बाघ शावक के अवशेष मिले थे. जानकारी के मुताबिक वन विभाग ने लीपापोती करते हुए बयान जारी किया कि बाघ शावक की मौत दूसरे बाघ के हमले में हुई है. वन विभाग के मुताबिक घटनास्थल पर दूसरे बाघ के पैरों के निशान थे.
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शिवराज के जिस राज्य में टाइगर कर के जाता था हैंडशेक, वहीं नहीं है सुरक्षित, बांधवगढ़ में क्यों हो रही मौतें?