डीएनए हिंदी: मध्य प्रदेश में शराबबंदी नहीं हुई है लेकिन 'एल्कोहल कल्चर' को सीमति करने के लिए सरकार ने अहम फैसले लिए हैं. राज्य में शराब के सेवन पर अंकुश लगाने के लिए नई आबकारी नीति बनाई है. अब सूबे में संचालित सभी शराब अहातों और शॉप बार को बंद किया जाएगा.
राज्य कैबिनेट ने सोमवार को शॉप बार पर शराब पीने की सुविधा खत्म कर दी है. अब शराब दुकान पर सिर्फ शराब की बिक्री करने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है. भारतीय जनता पार्टी की दिग्गज नेता उमा भारती की मध्य प्रदेश में नियंत्रित शराब नीति की एक अरसे से मांग कर रही थीं.
क्या है शिवराज कैबिनेट का फैसला?
मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंत्रिमंडल ने कहा, 'प्रदेश में शराब सेवन को हतोत्साहित करने की दिशा में मंत्रिमंडल ने आज ऐतिहासिक निर्णय लिया है. प्रदेश में जितने भी शराब अहातें और शॉप बार हैं, सभी को बंद किया जा रहा है. कोई अहाता अब प्रदेश में संचालित नहीं रहेगा.'
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नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शराब पीने को हतोत्साहित करने के लिए काम कर रहे हैं. इसलिए 2010 के बाद से राज्य में कोई नई शराब दुकान नहीं खोली गई बल्कि, उलटे बंद ही की गई हैं. नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान भी मध्य प्रदेश में 64 शराब दुकानें मुख्यमंत्री जी द्वारा बंद की गई थीं. नई आबकारी नीति जो आई है, वह शराब के सेवन को हतोत्साहित करने वाली ही है.
किस वजह से सरकार ने उठाया कदम?
उमा भारती का शराब नीति पर विरोध पार्ट के लिए सिरदर्द बन गया था. वह लगातार विरोध कर रही थीं. शिवराज कैबिनेट ने फैसला लिया कि शराब नीति को संशोधित करने की जरूरत है. उमा भारती ने आबकारी नीति का स्वागत करते हुए कहा कि हमारी सरकार के द्वारा घोषित की गई यह शराब नीति एक ऐतिहासिक और क्रांतिकारी निर्णय है.
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अरसे से हो रही थी नई शराब नीति की मांग
उमा भारती मध्य प्रदेश में पिछले कुछ महीनों से नियंत्रित शराब नीति की मांग कर रही थीं. हालांकि, इससे पहले उन्होंने राज्य में पूर्ण शराबबंदी की मांग की थी. इस साल के अंत में राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं.
नई शराब नीति में क्या-क्या है खास?
1. राज्य में जितने भी शराब अहातें और शॉप बार हैं, सभी को बंद किया जा रहा है. कोई अहाता अब राज्य में संचालित नहीं होगा.
2. शराब दुकान पर सिर्फ मदिरा की बिक्री की जाएगी. शराब दुकानों पर बैठकर मदिरा पीने की सुविधा भी अब राज्य में बंद हो जाएगी.
3. शैक्षणिक और धार्मिक संस्थानों से भी शराब दुकानों की दूरी को 50 मीटर से बढ़ाकर 100 मीटर कर दिया गया है. इसके साथ ही शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर भी सख्ती बढ़ाई जाएगी.
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मध्यप्रदेश की नई शराब नीति में क्या है खास, अहाते और शॉप बार पर क्यों गिरी गाज, पढ़ें