डीएनए हिंदीः मोरबी में हुए केबल ब्रिज हादसे (Morbi Bridge Collapse) पर गुजरात सरकार ने राजकीय शोक घोषित किया है. 2 नवंबर को पूरे राज्य में इस हादसे में मरने वालों को श्रद्धांजलि देने के लिए तिरंगा आधा झुकाया जाएगा. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने यह भी कहा है कि उस दिन राज्य में किसी भी तरह का कोई फंक्शन या एंटरटेनमेंट कार्यक्रम आयोजित नहीं होगा. इससे पहले पटेल रेस्क्यू अभियान का जायजा लेने मौके पर भी पहुंचे. उधर, हादसे में बचने वाले लोगों ने एक बड़ा खुलासा किया है. इन पीड़ितों के मुताबिक, पुल गिरने से ठीक पहले कुछ शरारती युवा उसके केबल को पकड़कर जोर-जोर से हिला रहे थे. इससे पुल बुरी तरह कांप रहा था और शायद यही कंपन तारों के टूटने का कारण बना, जिसके चलते पूरा पुल ढह गया.
A decision was taken to observe state-wide mourning in Gujarat on Nov 2, for the deceased in #MorbiBridgeCollapse. The national flag will be flown at half-mast on govt buildings in the state & no functions/entertainment programs will be held, tweets Gujarat CM Bhupendra Patel https://t.co/gMDZgKooQO pic.twitter.com/kPgX7Y9YJT
— ANI (@ANI) October 31, 2022
क्या बोले हादसे में बचे लोग
ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, हादसे में बचे अश्विन मेहरा ने बताया कि शाम को करीब 6.30 बजे कुछ शरारती लोग अचानक पुल की रस्सियों को पकड़कर जोर-जोर से हिलाने लगे. इससे पुल में बहुत जोर की आवाज हो रही थी. लोगों ने उन्हें रस्सी ऐसे हिलाने से मना भी किया, लेकिन वे नहीं माने. पुल के गिरने से पहले 3 बार बहुत-बहुत जोर की आवाजें हुईं मानो रस्सी टूट रही है. इसके बाद पुल टूट गया. अश्विन ने बताया कि वह और उनका दोस्त प्रकाश नीचे गिरते समय पेड़ की टहनियों में उलझ गए, जिससे उनकी जान बच गई. हालांकि उनकी गर्दन और पैर में बहुत ज्यादा चोट आई है. उन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
SIT ने गिरफ्तार किए हैं कंपनी के मैनेजर समेत 9 लोग
इस हादसे की जांच कर रही एसआईटी ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया है. हिरासत में लिए गए लोगों में पुल का मेंटेनेंस करने वाली कंपनी का मैनेजर भी शामिल है. उनसे पूछताछ की जाएगी. प्रबंधन से जुड़े सभी लोगों को बुलाया गया है. कंपनी के लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 304, 308 और 114 के तहत केस दर्ज किया गया है. वहीं
बिना फिटनेट सर्टिफिकेट के शुरू किया पुल
बता दें कि यह पुल पिछले 5 महीने से मरम्मत के काम के लिए बंद था. ओरेवा ग्रुप को इस पुल की मरम्मत और रखरखाव के लिए 15 साल का ठेका दिया गया था. नगर पालिका से फिटनेस सर्टिफिकेट लिए बिना ही इस ब्रिज को शुरू कर दिया गया. मोरबी पुल के संचालन को लेकर मोरबी नगरपालिका ने मार्च 2022 में मोरबी की ओरेवा ग्रुप की अजंता मैन्यूफेक्चरिंग कंपनी के साथ 15 साल के लिए कांट्रैक्ट साइन किया था. एग्रीमेंट के तहत कंपनी को मरम्मत के लिए 8 से 12 महीने का समय दिया गया. हालांकि कंपनी ने 5 महीने में ही इसे शुरू कर दिया.
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कई बच्चों और महिलाओं की मौत
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक ‘हैंगिंग ब्रिज’ जिस समय टूटा, उस समय उस पर कई महिलाएं और बच्चे मौजूद थे. पुल टूटने के कारण वे नदी में गिर गए. जब पुल टूटा तो उस समय स्थानीय लोगों के अलावा नजदीकी शहरों और गांवों के लोग भी पुल पर मौजूद थे. दीपावली की छुट्टी और रविवार होने के कारण पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे इस पुल पर काफी भीड़ थी. एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि हादसे से पहले कुछ लोगों को पुल पर कूदते और उसके बड़े तारों को खींचते हुए देखा गया. पुल टूटने के बाद उसका एक हिस्सा नदी में लटक गया. प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया कि गुजरात में मौजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री पटेल और अन्य अधिकारियों से बात की है. मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से मृतकों के परिजन को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है. राज्य सरकार ने इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजन को चार-चार लाख रुपए और घायलों को पचास-पचास हजार रुपए का मुआवजा दिए जाने की घोषणा की है.
इनपुट- भाषा
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2 नवंबर को गुजरात में राजकीय शोक घोषित, झुकेगा तिरंगा, पीड़ितों ने बताया हादसे का असली कारण