भारत में मंकीपॉक्स (Monkeypox Virus) का पहला केस मिलने की सूचना है. विदेश से लौटे शख्स में कुछ संदिग्ध लक्षण देखे गए हैं, जिसके बाद अस्पताल में उसे आइसोलेशन में रखा गया है. मरीज को विशेष अस्पताल में आइसोलेशन के लिए रखा गया है जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है. बताया जा रहा है कि मरीज काफी युवा है और वह काम के सिलसिले में विदेश गया था. एमपॉक्स की उपस्थिति की पुष्टि करने के लिए रोगी के सैंपल का टेस्ट किया जा रहा है.
PIB ने कहा, 'चिंता की कोई बात नहीं'
मंकीपॉक्स वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड 6 से 13 दिनों का माना जाता है. हालांकि, पीआईबी की ओर से दी गई सूचना में कहा गया है कि फिलहाल स्थिति पूरी तरह से कंट्रोल में है और किसी तरह की चिंताजनक हालत नहीं है. वायरस के खतरों को देखते हुए एहतियातन सभी कदम उठाए जा रहे हैं.
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PIB ने मंकीपॉक्स को लेकर दी जानकारी
मंकीपॉक्स को लेकर पीआईबी की ओर से जानकारी शेयर की गई है. उसके मुताबिक, 'मंकीपॉक्स के संदिग्ध पहले मामले में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग का काम किया जा रहा है. बीमारी को फैलने से रोकने के लिए तत्काल सभी जरूरी प्रोटोकॉल पूरे किए गए हैं.' स्वास्थ्य मंत्रालय की पिछले दिनों हुई बैठक में भी यह स्पष्ट किया गया था कि देश में इस वायरस को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है. कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और संभावित सोर्स की पहचान जैसे जरूरी सुरक्षा मानक अपनाने पर जोर दिया गया था.
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मंकीपॉक्स के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकारों को अलर्ट जारी किया गया है. साथ ही, कोरोना से जुड़ी चुनौतियों को देखते हुए भी तैयार रहने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावा, किसी भी संभावित जोखिम को प्रबंधित करने और खतरे से निपटने के लिए राज्य सरकारों के लिए जरूरी गाइडलाइंस भी जारी की गई है.
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भारत में हुई मंकीपॉक्स की एंट्री, जानें कहां और किस हालात में मिला पहला केस