डीएनए हिंदी: दिल्ली कैबिनेट के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. मनी लॉन्ड्रिंग केस में हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया है. आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए यह एक बड़ा झटका है. हाई कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा है कि वह प्रभावशाली व्यक्ति हैं, सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं.
सत्येंद्र जैन को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बीते साल 30 मई को गिरफ्तार किया था. सत्येंद्र जैन पर आरोप है कि वह 4 कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग के गेम में शामिल रहे हैं. जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने गुरुवार को इस केस पर फैसला सुनाया है.
हाई कोर्ट ने ईडी और सत्येंद्र जैन के वकील की दलीलें सुनने के बाद 21 मार्च को जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया था.
सत्येंद्र जैन ने पहले कहा था कि उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है और उन्होंने जांच में पूरा सहयोग किया है. चार्जशीट दाखिल होने के बाद उनकी कारावास जारी रखने की कोई आवश्यकता नहीं थी. हाई कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा है कि वह सबूतों और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.
ED ने सत्येंद्र जैन को CBI की ओर से 2017 में दाखिल एक FIR को लेकर गिरफ्तार किया था. उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे. उन्हें 6 सितंबर 2019 को एक स्थानीय कोर्ट ने जमानत दे दी थी.
क्यों जेल में हैं सत्येंद्र जैन?
ED ने 30 मई 2022 को PMLA केस में उन्हें गिरफ्तार किया था. ईडी का कहना है कि सत्येंद्र जैन के पास मनी लॉन्ड्रिंग के लिए इस्तेमाल की जाने वाली चार शेल कंपनियों का वास्तविक नियंत्रण था. सह-आरोपी अंकुश जैन और वैभव जैन का रोल केवल प्रतीकात्मक था.
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'सत्येंद्र जैन प्रभावशाली, सबूतों से कर सकते हैं छेड़छाड़,' हाई कोर्ट ने खारिज कर दी जमानत याचिका