डीएनए हिंदी: चुनाव आयोग (Election Commission) द्वारा हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों (Himachal Pradesh Assembly Election) को लेकर पूरे कार्यक्रम का ऐलान हो चुका है लेकिन बीजेपी (BJP) की निगाहें गुजरात पर टिकी हुईं हैं. गुजरात विधानसभा का कार्यकाल फरवरी 2023 के मध्य में खत्म होगा. ऐसे में यह माना जा रहा है किसी भी दिन आयोग यहां के चुनावों का भी ऐलान करेगा. गुजरात में 27 साल से सत्ता पर बनी हुई BJP के सामने अपना किला बचाने की बड़ी चुनौती है. 

इस मामले में न्यूज एजेंसी IANS की माने तों एक बार फिर गुजरात में बीजेपी की नैया पार लगाने की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने उठा रखी है.  चुनाव आयोग ने शुक्रवार को जैसे ही हिमाचल प्रदेश के चुनाव का ऐलान किया उसके कुछ घंटे बाद ही प्रधानमंत्री आवास पर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक बड़ी बैठक हुई थी. वहीं सूत्रों का कहना है कि इसमें चर्चा हिमाचल को लेकर नहीं बल्कि गुजरात पर हुई है. 

आज से खुलेगा कुनो नेशनल पार्क, चीतों के दीदार के लिए अब कितना इंतजार?

गुजरात चुनाव के लिए 5 घंटे की मीटिंग

रिपोर्ट्स के अनुसार इस बैठक में प्रधानमंत्री के अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel) और गुजरात प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल (C.R. Patil) भी मौजूद थे. आनन फानन में बुलाई गई ये बैठक गुजरात चुनाव से जुड़ी हुई थी. यह बैठक करीब 5 घंटे लंबी चली थी. इसमें गुजरात के सिंहासन को बचाने के लिए रणनीति तैयार की गई है. 

पीएम मोदी के चेहरे पर लड़ेंगे चुनाव

जानकारी के मुताबिक BJP इस बार भी गुजरात चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे को सामने रखकर ही लड़ेगी. वहीं गृहमंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा के साथ मिलकर पूरी रूपरेखा तैयार करने में जुटे हैं. 5 घंटे की मैराथन बैठक में गुजरात की रणनीति तय कर ली गई है. इसमें कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान दिया जा रहा है. संभावना है कि दीपावली के बाद चुनाव आयोग गुजरात में विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित कर सकता है. ऐसे में बचे हुए 10-12 दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह प्रदेश को कई बड़ी सौगातें दे सकते हैं.

PM Modi ने किया 75 डिजिटल बैंकिंग यूनिट का उद्घाटन, बोले- अब गरीबों के घर तक आएगा बैंक

आपको बता दें कि 18 अक्टूबर से 22 अक्टूबर तक गुजरात में डिफेंस एक्सपो गांधीनगर में आयोजित होने जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 अक्टूबर को इसका उद्घाटन करेंगे. इस एक्सपो में सरकार को 1.25 लाख करोड रुपये से ऊपर के निवेश के लिए 400 से अधिक सहमतिपत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है. इसके अलावा गुजरात में दीपावली के आसपास कई योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण भी किया जाएगा. 

आप से टक्कर की प्लानिंग तैयार

गुजरात विधानसभा चुनाव इस बार त्रिकोणीय होने की संभावना है. बीजेपी-कांग्रेस के अलावा इस बार आम आदमी पार्टी भी जोरशोर से गुजरात में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में लगी हुई है. दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संजोजक अरविंद केजरीवाल पानी, बिजली फ्री देने के साथ साथ कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करने के लोकलुभावन वादे भी कर रहे हैं. ऐसे में गुजरात की जनता इन वादों के झांसे में ना आए इसके लिए BJP ने केंद्रीय और राज्य स्तर के नेताओं को जनता के बीच जाकर सरकार के विकास कार्यों को गिनाने का जिम्मा सौंपा है.

मनीष सिसोदिया को CBI ने भेजा समन, विवादित शराब नीति पर होगी पूछताछ

चुपचाप प्रचार कर रही है कांग्रेस

वहीं कांग्रेस की खामोशी भी बीजेपी के लिए चिंता का विषय बनी हुई है. पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रैली के दौरान अपने कार्यकर्ताओं को कांग्रेस के खामोश प्रचार से सतर्क रहने की सलाह भी दी थी. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस गांव गांव जाकर बैठक कर रही है. वो खबरों में नहीं दिख रहे और भाषण नहीं कर रहे इससे भ्रमित ना हों. इससे निपटने के लिए भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं को मतदाताओं से संपर्क करने और घर-घर जाकर प्रचार करने की बात कही है. वहीं खबरें यह भी हैं कि गृहमंत्री जल्द ही अमित शाह इसको लेकर गुजरात के बड़े नेताओं के साथ एक बैठक भी करने वाले हैं.

कमजोर सीटों के लिए खास योजना

गुजरात की 40-50 सीटें ऐसी हैं, जहां बीजेपी खुद के सर्वे में कमजोर नजर आ रही है. इन सीटों को अपने पाले में लाने के लिए भी रणनीति तैयार की जा रही है. यहां पर पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की ज्यादा रैलियां करवाने की तैयारी कर रही है. पार्टी आदिवासी सीटों पर भी अपनी पकड़ मजबूत करने में लगी है. प्रदेश में आदिवासियों के लिए 27 सीटें रिजर्व हैं. साल 2017 में पार्टी सिर्फ 9 सीटें जीत पाई थी. दो सीटें भारतीय ट्राइबल पार्टी को मिली थीं, बाकी की सभी सीटें कांग्रेस के खाते में गई थी.

मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को शहीद-ए-आज़म भगत सिंह क्यों बता रहे हैं अरविंद केजरीवाल?

नए सीएम नहीं हैं ज्यादा लोकप्रिय

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भले ही मुख्यमंत्री की कमान भूपेंद्र पटेल के हाथों में हो लेकिन वह कोई मशहूर नेता नहीं हैं. ऐसे में गुजरात चुनाव से महज डेढ़ साल पहले ही उन्हें सीएम बनाया गया था. ऐसे में अब बीजेपी के लिए सबसे अहम यह है कि वह सारा दारोमदार मात्र सीएम के कंधे पर न छोड़े. वहीं पीएम मोदी से लेकर गृहमंत्री अमित शाह का गृहराज्य होने के नाते यहां बीजेपी का जीतना और जरूरी है जिसके चलते गुजरात की चुनावी प्लानिंग पीएम मोदी और अमित शाह की देखरेख में हो रही है.

(इनपुट- IANS)

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
Modi-Shah duo gujarat election special plan challenge save fort
Short Title
गुजरात के लिए मोदी-शाह की जोड़ी ने बनाया खास प्लान
Article Type
Language
Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Modi-Shah duo gujarat election special plan challenge save fort
Date updated
Date published
Home Title

गुजरात के लिए मोदी-शाह की जोड़ी ने बनाया खास प्लान, किला बचाने की है चुनौती