डीएनए हिंदी: केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार (Narendra Modi Government) बने लगभग साढ़े सात साल का समय हो गया है. सरकारी विज्ञापनों (Government Advertisements) पर होने वाले खर्च को लेकर अक्सर सवाल उठते हैं. अब नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने संसद में इसका जवाब दिया है. सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) की ओर से लोकसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक, साल 2014 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद से अब तक इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया को लगभग 6,400 करोड़ रुपये के विज्ञापन दिए गए हैं. यानी हर साल औसतन 800 करोड़ रुपये टीवी, प्रिंट और डिजिटल मीडिया के विज्ञापनों पर खर्च किए जा रहे हैं.
लोकसभा में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद मुनियन सेल्वराज ने मीडिया के विज्ञापनों पर होने वाले खर्च से जुड़ा सवाल पूछा था. इस सवाल के जवाब में अनुराग ठाकुर ने बताया कि 2014 के बाद से अभी तक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को कुल 3,260.79 करोड़ रुपये और प्रिंट मीडिया में विज्ञापन के लिए 3,138.81 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. अनुराग ठाकुर ने हर साल खर्च किए गए पैसों का भी पूरा ब्योरा लोकसभा के पटल पर रखा.
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साल | इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर खर्च | प्रिंट मीडिया पर खर्च |
2014-15 | 473 करोड़ | 424 करोड़ |
2015-16 | 531 करोड़ | 508 करोड़ |
2016-17 | 609 करोड़ | 468 करोड़ |
2017-18 | 514 करोड़ | 636 करोड़ |
2018-19 | 514 करोड़ | 429 करोड़ |
2019-20 | 317 करोड़ | 295 करोड़ |
2020-21 | 167 करोड़ | 197 करोड़ |
2021-22 | 101 करोड़ | 179 करोड़ |
2022-23 | 76 करोड़ | 91 करोड़ |
हर साल विज्ञापन पर खर्च हो रहे 800 करोड़ रुपये
आंकड़ों के मुताबिक, साल 2014-15 से 7 दिसंबर 2022 तक प्रिंट मीडिया को 3138 करोड़ और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को 3260 करोड़ रुपये के विज्ञान दिए गए. इसमें से साल 2014 में प्रिंट मीडिया को 424 करोड़ और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को 473.67 करोड़ रुपये के विज्ञापन दिए गए. 8 साल में खर्च किए गए इन पैसों का कुल जोड़ लगभग 6400 करोड़ रुपये है. वहीं, इसका सालाना औसत निकालें तो वह लगभग 800 करोड़ रुपये है.
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साल 2022-23 में 7 दिसंबर 2022 तक प्रिंट मीडिया को 91.96 करोड़ रुपये और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को 76.84 करोड़ रुपये के विज्ञापन दिए जा चुके हैं. अनुराग ठाकुर ने यह भी बताया है कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने विदेशी मीडिया में विज्ञापन देने के लिए कोई खर्च नहीं किया है.
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विज्ञापन के लिए मीडिया को हर साल 800 करोड़ रुपये देती है मोदी सरकार, जानिए कितने का खर्चा हो गया