डीएनए हिंदी: भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने शनिवार को कहा कि यौन उत्पीड़न के पीड़ितों पर बयान बदलने के लिए दबाव डाला जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि बृजभूषण की तरफ से नाबालिग लड़की के पिता पर दबाव डाला गया जिसकी वजह उनकी बेटी ने अपना बयान बदल दिया. पहलवानों ने कहा कि हम पर भी समझौता करने का दबाव बनाया जा रहा है. लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं. 15 जून तक अगर बृजभूषण सिंह के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो हम फिर से आंदोलन शुरू कर देंगे.
गौरतलब है कि बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली 7 महिला पहलवानों में से एक नाबालिग ने हाल ही में अपना बयान बदल दिया था. नाबालिग के पिता कहना था कि उनकी बेटी ने बृजभूषण से नाराजगी के चलते यह आरोप लगा दिए थे. सरकार ने पहलवानों को आश्वासन दिया है कि 15 जून तक भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष ब्रजभूषण के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा. इसके बाद पहलवानों ने अपना प्रदर्शन तब तक स्थगित करने का ऐलान कर दिया था. पहलवानों ने सोनीपत में पंचायत का आयोजन करके खाप, किसानों और महिला संगठनों को बुलाया था जिन्होंने इस आंदोलन में उनका साथ दिया. पहलवानों ने उन्हें खेलमंत्री अनुराग ठाकुर से बुधवार को हुई बातचीत के बारे में भी बताया और आगे की रणनीति पर चर्चा की.
नाबालिग के पिता पर बनाया गया दबाव
ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने कहा ,‘यह साबित हो चुका है कि बयान धारा 161 और 164 के तहत रिकॉर्ड किए गए और बदल गए हैं. हमें समझ में नहीं आ रहा. यह साफ है कि नाबालिग के पिता पर दबाव था. दबाव में नाबालिग ने अपने बयान बदले. हम ऐसे में कितने दिन तक लड़ेंगे.’ उन्होंने कहा ,‘बजरंग को फोन आ रहे हैं कि बिक जाओ, टूट जाओ. मीडिया द्वारा गलत नरैटिव गढे जा रहे हैं. इससे हमारा दिल टूट गया है.’ साक्षी ने कहा कि यही वजह है कि हमने कहा था कि पहले उसे गिरफ्तार करो और फिर जांच करो. वह पुलिस हिरासत में होता तो दबाव नहीं डाल सकता था. वरना एक के बाद एक पीड़ित टूट जायेंगे. उसके बाहर रहने तक डर का माहौल बना रहेगा.’
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सरकार को दिया 15 जून तक का अल्टीमेटम
साक्षी मलिक ने कहा ,‘जब तक कोई समाधान नहीं निकलता, हम एशियाई खेलों में भाग नहीं लेंगे. आप समझ नहीं सकते कि हम रोज किस मानसिक यातना से गुजर रहे हैं.’ वहीं बजरंग पूनिया ने पंचायत में कहा कि उनके आंदोलन में कोई राजनीति नहीं है. हमने अपने फैसले के बारे में सभी को बताने के लिए पंचायत बुलाई थी. अगर 15 जून तक कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो हम अपना प्रदर्शन फिर शुरू करेंगे.’ उन्होंने कहा कि अभी उन्होंने धरना स्थल के बारे में फैसला नहीं लिया है. यह जंतर मंतर पर भी हो सकता है या रामलीला मैदान पर भी.
दिल्ली पुलिस पहले ही कह चुकी है कि उन्हें जंतर मंतर पर लौटने नहीं दिया जायेगा. विनेश फोगाट खेलमंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात के दौरान भी मौजूद नहीं थी और आज भी नहीं. इसके बारे में पूछने पर साक्षी और बजरंग ने अलग अलग जवाब दिए. साक्षी ने कहा कि साक्षी, बजरंग और विनेश एक हैं. विनेश कानूनी पक्ष देख रही है. अफवाहें फैलाई जा रही है कि हम एक एक करके पीछे हट रहे हैं लेकिन हम सब एक हैं.’ बजरंग ने कहा ,‘विनेश बीमार है , इसलिए आज नहीं आई. दोनों ने महिला पहलवान को दिल्ली में डब्ल्यूएफआई कार्यालय ले जाने की निंदा की. (भाषा इनपुट के साथ)
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'नाबालिग लड़की ने दबाव में बदला बयान', पहलवानों का आरोप, सरकार को दिया 15 जून तक का अल्टीमेटम