डीएनए हिंदी: दिल्ली नगर निगम के चुनावों के बाद मेयर चुनाव (MCD Mayor Election) में बड़ा बवाल हुआ है. उपराज्यपाल वी के सक्सेना द्वारा बीजेपी पार्षद को प्रोटेम स्पीकर बनाने और फिर 10 पार्षदों को मनोनीत करने के मुद्दे पर उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच टकराव की स्थिति बन गई है. वी के सक्सेना ने AAP के आरोपों को खारिज किया जिसके बाद अब दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने दोबारा पत्र लिखकर वी के सक्सेना के काम को असंवैधानिक और चुनी हुई सरकार की अवहेलना बताया है. उन्होंने कहा है कि एलजी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भी भूल गए हैं. बता दें कि इन सभी मुद्दों को लेकर नगरपालिका सदन ्में बड़ा हंगामा होने के साथ ही मारपीट भी हुई थी.
सीएम केजरीवाल ने इस दौरान वीके सक्सेना के मनोनीत पार्षद चुनने को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने पूछा कि क्या उपराज्यपाल संविधान और चुनी हुई दिल्ली की सरकार की अवहेलना करते हुए सीधे ईओ-नॉमिनी और अपने विवेक से शक्तियों का प्रयोग करेंगे. केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि यदि ऐसा हुआ तो दिल्ली की चुनी हुई सरकार अप्रासंगिक हो जाएगी.
Delhi CM Arvind Kejriwal writes to LG VK Saxena on LG Office's statement on Delhi MCD mayor elections pic.twitter.com/8ngT35UjOF
— ANI (@ANI) January 7, 2023
दिल्ली सरकार को किया जा रहा नजरंदाज
केजरीवाल ने वीके सक्सेना को लिखे अपने पत्र में कहा, "व्यावहारिक रूप से हर कानून और हर प्रावधान में "प्रशासक/उपराज्यपाल" शब्द का प्रयोग किया जाता है और मंत्रिपरिषद उपराज्यपाल/प्रशासक के नाम से काम करती है." इतना ही नहीं, केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट के पुराने आदेश भी उपराज्यपाल को याद दिलाए हैं. उन्होंने लिखा, "सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न निर्णयों के अनुसार एलजी/प्रशासक तीन आरक्षित विषयों को छोड़कर सभी पर मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह से बंधे हैं."
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, "डीएमसी अधिनियम एक स्थानांतरित विषय है और एलजी इस विषय पर मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह से बाध्य हैं. आपके कार्यालय से जारी बयान में कहा गया है कि चूंकि डीएमसी अधिनियम में प्रयुक्त शब्द "एलजी/प्रशासक" हैं, इसलिए, आपने उन शक्तियों का सीधे प्रयोग किया और निर्वाचित सरकार को दूर रखा है."
केजरीवाल ने दावा किया कि पिछले तीस वर्षों से इस अधिनियम के तहत शक्तियों और इन प्रावधानों के तहत हमेशा मंत्रिपरिषद द्वारा प्रयोग किया जाता था लेकिन वीके सक्सेना इस काम में दखलंदाज़ी करते हुए मनोनीत पार्षदों की नियुक्ति को जबरन अपना अधिकार बता रहे हैं जो कि असंवैधानिक है.
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मेयर इलेक्शन पर बढ़ा बवाल
बता दें कि एलजी ने बीजेपी पार्षद सत्या शर्मा को प्रोटेम स्पीकर बनाया था. इसके अलावा आप ने आरोप लगाया कि वह सभी लोकतांत्रिक परंपराओं और संस्थानों को नष्ट कर रहे हैं. वहीं एमसीडी में 10 मनोनीत पार्षद का नामांकन कथित तौर पर दिल्ली सरकार को दरकिनार कर हज कमेटी के सदस्यों के नाम तय करने और वरिष्ठतम व्यक्ति को पीठासीन अधिकारी के रूप में नामित नहीं करने जैसे कदम को सीएम केजरीवाल ने एलजी को पत्र भी लिखा है और इसे संविधान के विपरीत बताया है.
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केजरीवाल ने LG वी के सक्सेना को लिखी चिट्ठी, मेयर चुनाव पर याद दिलाए नियम