डीएनए हिंदीः मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि (Shri Krishna Janmabhoomi) विवाद मामले में सिविल कोर्ट के फैसले के बाद सर्वे की प्रक्रिया पर काम शुरू हो गया है. 2 जनवरी से शाही मस्जिद के सर्वे (Shahi Idgah Masjid Survey) का काम शुरू किया जाएगा. कोर्ट ने 20 जनवरी तक सर्वे की रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है. ऐसे में टीम को 18 दिन में सर्वे कर अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी. कोर्ट ने शाही ईदगाह के अमीन की रिपोर्ट में सभी 13.37 एकड़ जमीन का सर्वे और वहां के नक्शे का सर्वेक्षण शामिल है.
कोर्ट ने क्या दिया आदेश?
मथुरा सीनियर सिविल जज डिवीजन न्यायाधीश सोनिका वर्मा ने 20 जनवरी तक सर्वे कराने का आदेश दिया है. कोर्ट ने वादी विष्णु गुप्ता की अपील पर अमीन से भी रिपोर्ट मांगी है. ये याचिका 13.37 एकड़ भूमि को मुक्त कराने की मांग को लेकर दायर की गई थी. कोर्ट के आदेश के तहत शाही ईदगाह का सर्वे कराया जाएगा. बता दें कि हिंदू पक्ष का दावा है कि उस जगह स्वास्तिक का चिह्न है, मस्जिद के अंदर कई मंदिर होने के प्रतीक हैं. साथ ही मस्जिद के नीचे भगवान का गर्भ गृह है और शाही ईदगाह में हिंदू स्थापत्य कला के सबूत मौजूद हैं.
ये भी पढ़ेंः क्या है मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि और ईदगाह विवाद? जानें कब और कैसे शुरू हुआ मामला
क्या है श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद?
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर विवाद दशकों पुराना है. मथुरा का ये विवाद कुल 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक से जुड़ा है. 12 अक्टूबर 1968 को श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट के साथ समझौता किया था. इस समझौते में 13.7 एकड़ जमीन पर मंदिर और मस्जिद दोनों बनने की बात हुई थी. गौरतलब है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास 10.9 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है जबकि ढाई एकड़ जमीन का मालिकाना हक शाही ईदगाह मस्जिद के पास है. हिंदू पक्ष शाही ईदगाह मस्जिद को अवैध तरीके से कब्जा करके बनाया गया ढांचा बताता है और इस जमीन पर भी दावा किया है. हिंदू पक्ष की ओर से शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने और ये जमीन भी श्रीकृष्ण जन्मस्थान को देने की मांग की गई है.
इतिहास क्या कहता है?
दावा किया जाता है कि औरंगजेब ने श्रीकृष्ण जन्म स्थली पर बने प्राचीन केशवनाथ मंदिर को नष्ट करके उसी जगह 1669-70 में शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कराया था. इसके बाद 1770 में गोवर्धन में मुगलों और मराठाओं में जंग हुई. इस जंग में मराठाओं की जीत हुई. जीत के बाद मराठाओं ने फिर से मंदिर का निर्माण कराया. 1935 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 13.37 एकड़ की भूमि बनारस के राजा कृष्ण दास को आवंटित कर दी. 1951 में श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने ये भूमि अधिग्रहीत कर ली.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
2 जनवरी से शुरू होगा शाही मस्जिद का सर्वे, हिंदू और मुस्लिम पक्ष की क्या हैं दलीलें?