डीएनए हिंदी: कोविड-19 महामारी ने जब दस्तक दी तब आपने देश भर से पलायन की घटनाएं सुनी होंगी. तस्वीरें देखी होंगी. अपना सारा जमा सामान और आधार लेकर लोग अपनी जगह छोड़कर गांव-घर को लौटने लगे थे. अब पलायन का एक और आंकड़ा सामने है. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics and Program Implementation) द्वारा हाल में जारी आंकड़ों के अनुसार 2020-21 के दौरान भारत में महिला और पुरुषों के बीच प्रवास की दर 28.9% दर्ज की गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक शहरी क्षेत्रों में प्रवासी परिवारों की बढ़ोतरी इस बात का इशारा है कि गांव या कस्बों से आए गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार शहरों में तेजी से बस रहे हैं. वहीं ध्यान देने वाली बात ये भी है कि गांव से निकलकर शहर आने वाले प्रवासियों की बड़ी संख्या महिलाओ की है. एक साल में भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में 26.5% और शहरी क्षेत्रों में 34.9% पलायन हुआ है.
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क्या है पलायन की मुख्य वजह
माइग्रेशन या पलायन को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बदलती सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक परिस्थितियों का बैरोमीटर माना जाता है. यह विभिन्न स्थानों पर आर्थिक और सामाजिक परिस्थितियों में मौजूदा असमानताओं की वजह से भी होता है. आम तौर पर यह लोगों की पसंद के आधार पर भी होता है, लेकिन फिर करियर, रोजगार, जीवन स्तर, विवाह, जलवायु परिवर्तन, आपदाएं, संघर्ष आदि पलायन की मुख्य वजह हैं.
भारत में कितना होता है पलायन
जुलाई 2020 से 2021 के दौरान देश भर में प्रवासन दर 28.9% रही है. वहीं शहरी क्षेत्रों में यह दर 34.9% और ग्रामीण क्षेत्रों में 26.5% तक पहुंच गई है . आंकड़ों के अनुसार कुल मिलाकर पुरुष माइग्रेशन दर 10.7% और महिलाओं के लिए 47.9% तक है . जबकि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महिलाओं की माइग्रेशन दर में भारी अंतर देखा गया है .
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87.5% आतंरिक प्रवासी
गौर करने वही बात ये भी है कि ज़्यादातर लोग अपना घर बार छोड़ कर दूसरी जगह पलायन तो कर गए पर राज्य से बाहर नहीं जा पाए है. 92.6% महिलाएं और 65.6% पुरुष एक ही राज्य में एक जगह से दूसरी जगह पलायन कर गए हैं . कुल मिलाकर अंतर्राज्यीय प्रवासन 87.5% और अंतर-राज्यीय प्रवास 11.8% तक एक साल में हुआ है .
कौन होते हैं आंतरिक प्रवासी
आंतरिक प्रवासी वे हैं जो देश के भीतर प्रवास करते हैं. इसमें वे लोग शामिल हो सकते हैं जो राज्यों के भीतर ही एक स्थान से दूसरे स्थान पर किसी न किसी वजह से रहने चले जाते हैं. आंतरिक प्रवास को चार श्रेणियों में बांटा जाता है. ग्रामीण से ग्रामीण, ग्रामीण से शहरी, शहरी से ग्रामीण और शहरी से शहरी. देश में आतंरिक प्रवासियों में 55% प्रवास ग्रामीण से ग्रामीण की ओर हुआ है . 63% से अधिक महिला आंतरिक प्रवासी ग्रामीण से ग्रामीण में चली गईं, और केवल 18% पुरुषों ने इस प्रवृत्ति में योगदान दिया है . कुल 10.2% आंतरिक प्रवासी शहरी से ग्रामीण में चले गए, जिनमें 20.8% पुरुष और 7.8% महिलाएं शामिल हैं .
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10 में से 7 प्रवासियों ने विवाह के कारण किया माइग्रेशन
भारत में 71 % से अधिक प्रवासियों के माइग्रेशन के पीछे विवाह एक प्रमुख कारण है. विवाह के कारण 86.8% महिलाएं और 6.2% पुरुष पलायन करते हैं. इसके बाद दूसरा बड़ा करण है परिवार के कमाने वाले सदस्य या माता-पिता का प्रवासन. इसकी वजह से 9.2% लोग देश में पलायन करते हैं . जिसमें 17.5% पुरुष और 7.3% महिलाएं शामिल हैं.
तीसरा कारण रोजगार या बेहतर रोजगार के अवसरों की तलाश में कुल 4.8% लोग पलायन करते हैं. वही भारत में प्राकृतिक आपदाएं, राजनीतिक समस्याएं, विकास परियोजनाओं के कारण विस्थापन, स्वास्थ्य संबंधी कारण और सेवानिवृत्ति जैसे कारणों की वजह से लगभग 1% लोग पलायन करते हैं.
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