डीएनए हिंदी: मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) को लेकर सड़क से लेकर संसद तक बवाल मचा है. संसद में इस मुद्दे पर पीएम मोदी के बयान की मांग को लेकर जोरदार हंगामा जारी है. विपक्षी गठबंधन 'INDIA' के 21 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल जमीनी हकीकत का आकलन करने के लिए हिंसा प्रभावित मणिपुर के 2 दिवसीय दौरे पर शनिवार को पहुंच गया. इस बीच पूर्व सेना प्रमुख जनरल (रिटायर्ड) एमएम नरवणे (MM Naravane) का मणिपुर को लेकर बयान आया है. उन्होंने इस हिंसा के पीछे विदेशी ताकतों के शामिल होने का शक जताया है. 

पूर्व आर्मी चीफ नरवणे ने कहा कि मणिपुर हिंसा में विदेशी एजेसियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है. वो निश्चित रूप से इसमें शामिल हैं. उन्होंने चीन पर शक जाहिर करते हुए कहा कि वो कई सालों से इन विद्रोही संगठनों की मदद कर रहा है और अब भी ऐसा करना जारी रखेगा. नरवणे दिल्ली में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में राष्ट्रीय सुरक्षा परिप्रेक्ष्य विषय आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मणिपुर हिंसा पर जवाब दे रहे थे.

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'आंतरिक सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण'
मणिपुर पर बात करते हुए पूर्व आर्मी चीफ ने कहा, 'मैंने पहले भी कहा था कि आंतरिक सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है. न केवल पड़ोसी देश में बल्कि हमारे सीमावर्ती राज्यों में भी अस्थिरता है, जो देश की समग्र सुरक्षा के लिए अच्छी नहीं है.' उन्होंने आगे कहा,  'मुझे यकीन है कि जो लोग कुर्सी पर हैं और जो भी कार्रवाई की जानी चाहिए उसे करने के लिए जिम्मेदार हैं, वे अपना सर्वश्रेष्ठ कर रहे हैं. हमें उनके बारे में दोबारा अनुमान लगाने से बचना चाहिए.' 

मणिपुर में हालात मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में 3 मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा भड़क गई थी. तब से अब तक 160 से ज्यादा लोगों

मणिपुर में अब कैसे हैं हालात?
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में 3 मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा भड़क गई थी. तब से अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. मणिपुर की आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे ज्यादातर पर्वतीय जिलों में रहते हैं. राज्य में आए दिन हिंसा की घटनाएं आ रही हैं. सरकार कुकी और मैतेई समुदाय के बीच 6 दौर की वार्ता करा चुकी है.

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'INDIA' के घटक दलों के 21 सांसद पहुंचे मणिपुर
वहीं, विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (INDIA) के घटक दलों के 21 सांसद शनिवार 2 दिवसीय दौरे पर मणिपुर पहुंच गए. ये सांसद जातीय हिंसा से प्रभावित राज्य में जमीनी स्थिति का आकलन करेंगे. इस प्रतिनिधिमंडल में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी भी शामिल हैं. यह प्रतिनिधिमंडल अपने आकलन के अनुसार मणिपुर की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार और संसद को सुझाव देगा. दौरे से पहले, लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने मणिपुर हिंसा की उच्चतम न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की. इस प्रतिनिधिमंडल में चौधरी और गोगोई के अलावा तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सुष्मिता देव, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की महुआ माजी, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की कनिमोई, राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के जयंत चौधरी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मनोज कुमार झा, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन के प्रेमचंद्रन, जनता दल (यूनाइटेड) के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह एवं अनिल प्रसाद हेगड़े, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के संदोश कुमार और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के ए ए रहीम भी शामिल हैं.

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'मणिपुर हिंसा में विदेशी एजेंसियों का हाथ', पूर्व आर्मी चीफ ने चीन पर जताया शक
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'मणिपुर हिंसा में विदेशी एजेंसियों का हाथ', पूर्व आर्मी चीफ ने चीन पर जताया शक