डीएनए हिंदी: मणिपुर में हिंसा के बाद शांति बहाली की कोशिशें की जा रही हैं. लेकिन यह संघर्ष खत्म होता नजर नहीं आ रहा है. मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को कहा कि घरों में आगजनी और नागरिकों पर गोलीबारी करने वाले करीब 40 उग्रवादियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है. राज्य में रविवार को आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर सशस्त्र ग्रुप और सुरक्षा बलों के बीच ताजा झड़प की पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी आई है.
राज्य सचिवालय में मीडियाकर्मियों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने दावा किया कि हालिया दौर की झड़प प्रतिद्वंद्वी समुदायों के बीच नहीं बल्कि कुकी उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई है. बीरेन सिंह ने कहा कि अग्रवादी नागरिकों पर हमला करने के लिए एके-47, एम-16 और स्नाइपर राइफल का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई में इन उग्रवादियों को निशाना बनाया. मुख्यमंत्री ने लोगों से सुरक्षाकर्मियों की आवाजाही में बाधा नहीं डालने की अपील की और उनसे सरकार में विश्वास रखने और सुरक्षा बलों का समर्थन करने का आग्रह किया है.
बीरेन सिंह ने कहा कि हमने इतने लंबे समय तक कठिनाइयों का अनुभव किया है और हम राज्य को कभी भी बिखरने नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि आम नागरिकों की हत्याओं और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने तथा घरों में आगजनी में शामिल कई कुकी उग्रवादियों को जाट रेजीमेंट ने पकड़ लिया है. अधिकारियों ने बताया कि ताजा संघर्ष रविवार तड़के तब शुरू हुआ जब सेना ने शांति कायम करने के लिए समुदायों को हथियारों से मुक्त करने को लेकर तलाशी अभियान शुरू किया.
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बीजेपी नेता के घर तोड़फोड़ और आगजनी
एक शीर्ष सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि पश्चिम इंफाल के उरीपोक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक ख्वाइरकपम रघुमणि सिंह के घर में तोड़फोड़ की गई और उनके 2 वाहनों में आग लगा दी गई. उन्होंने यह भी कहा कि इंफाल घाटी के आसपास के विभिन्न जिलों में सुबह तड़के कई जगहों पर झड़पें हुईं. अधिकारी ने कहा, ‘हमारी जानकारी के मुताबिक, काकचिंग में सुगनू, चुड़ाचांदपुर में कांगवी, इंफाल पश्चिम में कांगचुप, इंफाल पूर्व में सगोलमंग, बिशेनपुर में नुंगोईपोकपी, इंफाल पश्चिम में खुरखुल और कांगपोकपी में वाईकेपीआई से गोलीबारी की सूचना मिली है.’
अधिकारी ने कहा कि काकचिंग थाने से मेइती समूह द्वारा हथियार लूटे जाने की भी अपुष्ट सूचना मिली है. मेइती समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद मणिपुर में जातीय झड़पों में 75 से अधिक लोगों की मौत हो गई. राज्य में हालात सामान्य करने के लिए अर्धसैनिक बलों के अलावा सेना और असम राइफल्स की लगभग 140 टुकड़ियां तैनात करनी पड़ी, जिनमें 10,000 से अधिक कर्मी शामिल हैं.
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मणिपुर में फिर छिड़ा संघर्ष, अब तक 40 उग्रवादी मारे गए, AK-47 और M-16 से हो रही गोलीबारी