डीएनए हिंदी: भारत और चीन (India-China) के बीच लंबे समय से सीमा विवाद जारी है. लद्दाख में पैंगोंग लेक (Pangong Lake) के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच कई बार बातचीत हो चुकी है. इसी बीच टेरिटोरियल आर्मी (Territorail Army) ने अफसरों की भर्ती निकाली है. इन अफसरों की भर्ती के लिए योग्यता यह रखी गई है कि आपको चीन की भाषा मंदारिन (Mandarin Language) आनी चाहिए. दरअसल, भारतीय सेना चाहती है कि उसके पास चीन की भाषा के जानकार हों जिससे चीन से वार्ता के दौरान समस्या न आए. साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जा सकेगा कि बातचीत के दौरान अनुवाद की ज़रूरत नहीं पड़ेगी और सीधे मैंडरिन में ही बातचीत की जा सकेगी.
टेरिटोरियल आर्मी ने रविवार को भर्तियों के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है. इस नोटिफिकेशन के मुताबिक, मंदारिन भाषा के विशेषज्ञों को टेरिटोरियल आर्मी का अधिकारी बनाया जाएगा. कुल पांच पदों पर वैकेंसी निकाली गई है और एक पूर्व-सैनिक को इस पद पर काम करने का मौका दिया जाएगा. आपको बता दें कि चीन-भारत सीमा पर लगातार तनाव और विवाद के बीच भारतीय सेना ने मंदारिन भाषा में अपनी जानकारी बढ़ानी शुरू कर दी है.
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इंडियन आर्मी में क्यों ज़रूरी है मंदारिन भाषा?
मैंडरिन भाषा पर जोर दिए जाने के बारे में भारतीय सेना के एक अधिकारी ने कहा, 'हमारी कोशिश है कि जूनियर और सीनियर आर्मी कमांडरों को इस लेवल पर ट्रेनिंग दी जाए कि वह पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवानों और अधिकारियों से बातचीत में उन्हीं की भाषा में बात कर सकें. सेक्टर लेवल की, फ्लैग लेवल की और सीमा पर मौजूद जवानों की बातचीत में अक्सर इसकी ज़रूरत पड़ती है. मैंडरिन भाषा की अच्छी जानकारी होने से हमारे जवान और अधिकारी चीनी अधिकारियों से अच्छे से बातचीत कर पाएंगे.'
Join Territorial Army as an Officer & serve the Nation. All gainfully employed Citizens of India (male & female) and Ex-Service Officers, qualified in Chinese Language, can become an Officer (Chinese Interpretor).
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) July 10, 2022
For more details please visit https://t.co/AIIgXQfHwX#IndianArmy pic.twitter.com/kLIKcNdv5P
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मंदारिन भाषा पर जोर दे रही है भारतीय सेना
सेना का मानना है कि चीनी भाषा के एक्सपर्ट होने से जवानों और अधिकारियों को जमीनी स्तर से लेकर रणनीतिक स्तर पर काफी आसानी हो जाएगी. मंदारिन भाषा में जवानों की दक्षता बढ़ाने के लिए भारतीय सेना ने राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी, गुजरात केंद्रीय विश्विविद्यालय और शिव नादर यूनिवर्सिटी के साथ समझौता किया है. इसके अलावा, पचमढ़ी स्थित आर्मी ट्रेनिंग स्कूल और दिल्ली के स्कूल ऑफ फॉरेन लैंग्वेजेस में भी मैंडरिन भाषा के लिए वैकेंसी बढ़ा दी गई हैं.
इंडियन आर्मी की उत्तरी, पूर्वी और सेंट्रल कमांड में मंदारिन भाषा के कोर्स भी चलाए जा रहे हैं ताकि सेना के जवान और अधिकारी मंदारिन भाषा सीख सकें.
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चीन की मंदारिन भाषा के जानने वालों को अफसर बनाएगी इंडियन आर्मी, जानिए क्या है प्लान