डीएनए हिंदी: सियालदह मेट्रो स्टेशन प्रोजेक्ट (Sealdah Metro Station) के उद्घाटन को लेकर पश्चिम बंगाल में जमकर हंगामा बरपा है. सोमवार को कोलकाता में ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के उद्घाटन को लेकर सियासी लड़ाई छिड़ गई है. तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने दावा किया है कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को रेल मंत्रालय के कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया है.
रेल मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का दावा है कि टीएमसी की ओर से किया जा रहा दावा गलत है. मुख्यमंत्री को उद्घाटन समारोह में आमंत्रित किया गया है.
रेल मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, सांसद सुदीप बनर्जी को आमंत्रित किया जा रहा है. सांसद प्रसून बनर्जी और विधायक नयना बनर्जी को आमंत्रित किया जा रहा है. राज्यपाल और महापौर को भी आमंत्रित किया जाएगा.
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आम लोगों को करना होगा और इंतजार
सियालदह से सेक्टर 5 तक मेट्रो का उद्घाटन होने वाला है. 11 जुलाई को लेकर रेलवे विभाग की ओर से सारी तैयारियां की गई हैं. हालांकि कल से यात्री मेट्रो का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. उन्हें तीन दिन और इंतजार करना होगा. अधिकारियों का कहना है कि गुरुवार 14 जुलाई से रूट पर मेट्रो दौड़ेगी. हालांकि मेट्रो के उद्घाटन को लेकर राजनीतिक दबाव शुरू हो गया है. तृणमूल का दावा है कि यह मेट्रो परियोजना तब शुरू की गई थी जब ममता बनर्जी रेल मंत्री थीं.
'केंद्र ने नहीं दिया ममता बनर्जी को भाव'
भारतीय जनता पार्टी पर मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर लगातार दबाव बढ़ रहा है. पश्चिम बंगाल के मंत्री और टीएमसी नेता के सीनियर नेता फिरहाद हकीम ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार लोकतांत्रिक सिद्धांतों का कोई सम्मान नहीं करती है.
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उन्होंने कहा, 'ईस्ट-वेस्ट मेट्रो परियोजना को राज्य और केंद्र के आपसी सहयोग से लागू किया जा रहा है. मुख्यमंत्री को बाहर करने का कदम संकीर्ण राजनीतिक विचारों से उपजा है.'
बीजेपी ने हंगामे पर क्या दिया जवाब?
बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने इस बयान पर टीएमसी की आलोचना करते हुए संवाददाताओं से कहा, 'हमारे किसी भी विधायक और सांसद को प्रशासनिक बैठकों सहित राज्य के किसी भी कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया जाता है. सीएम को भी निमंत्रण नहीं मिलने की शिकायत नहीं करनी चाहिए.'
दिलीप घोष ने दावा किया है कि राज्य सरकार, केंद्रीय धन का इस्तेमाल करने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार को क्रेडिट देने से बचने के लिए केंद्रीय परियोजनाओं का नाम बदल देती है. दिलीप घोष की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए ममता बनर्जी के मंत्री ने कहा, 'केंद्र बंगाल को भिक्षा नहीं देता है. राज्य को अपना हक मांगने का पूरा अधिकार है.'
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