डीएनए हिंदी: पश्चिम बंगाल में ममता सरकार के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापे को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी पर निशाना साधा है. ममता बनर्जी ने कहा कि बीजेपी चुनाव से देशभर में विपक्षी नेताओं के खिलाफ ईडी की छापेमारी कराकर गंदा खेल खेल रही है. मैं पूछना चाहती हूं कि क्या भाजपा के किसी नेता के घर पर ED की एक भी छापेमारी हुई है? ममता ने NCRT की किताबों में इंडिया शब्द को बदलने जाने के प्रस्ताव को लेकर भी सवाल उठाए.
ममता बनर्जी ने कहा कि बीजेपी कहती है कि वह 'सबका साथ सबका विकास' चाहती है, लेकिन वास्तव में वह सबका सत्यानाश कर रही है. NCERT पैनल की स्कूली पाठ्यपुस्तकों में 'इंडिया' शब्द को बदलकर 'भारत' किए जाने के प्रस्ताव पर ममता ने कहा कि अचानक इस तरह की बात क्यों की जा रही हैं. इससे पहले नोटबंदी और जीएसटी के जरिए लोगों को परेशान किया गया. उन्होंने कहा कि बीजेपी देश में मोहम्मद बिन तुगलक की तरह इतिहास बदलने की कोशिश कर रही है.
ये भी पढ़ें- 'पूरे देश में मचाया है आतंक' बेटे को ED ने भेजा समन तो भड़के अशोक गहलोत
राशन घोटाले में ईडी ने मारा था छापा
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने करोड़ों रुपये के राशन वितरण अनियमितता मामले में बुधवार को पश्चिम बंगाल के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक के आवास पर छापेमारी की थी. कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके में पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री का साल्ट लेक आवास उन आठ स्थानों में से एक है, जहां केंद्रीय एजेंसी ने रेड मारी. ईडी अधिकारी कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके नागेरबाजार में मल्लिक के गोपनीय सहायक अमित डे के जुड़वां आवासों पर भी तलाशी ली.
छापेमारी और तलाशी अभियान के अलावा, ईडी के अधिकारी मंत्री से पूछताछ कर रहे हैं. मलिक का नाम कोलकाता के व्यवसायी बकीबुर रहमान से पूछताछ के दौरान सामने आया था, जिसे हाल ही में इसी मामले में गिरफ्तार किया गया था. शुरू से ही केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी इस मामले में राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के भीतर उच्च और शक्तिशाली लोगों की संलिप्तता पर संदेह कर रहे थे. रहमान के आवासों और कार्यालयों से राज्य खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की कई मुहरें बरामद होने के बाद ईडी के अधिकारियों की आशंका गहरा गई.
जांच अधिकारियों का मानना है कि इतने बड़े पैमाने पर राशन वितरण में अनियमितताएं राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के उच्च और शक्तिशाली लोगों और राज्य में राशन वितरकों और राशन डीलरों के एक वर्ग के सक्रिय सहयोग के बिना संभव नहीं हो सकती थीं. राशन वितरण अनियमितता मामले में मुख्य आरोप यह है कि उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से वितरण के लिए आए गेहूं को डायवर्ट किया गया और बाजार में बहुत अधिक कीमतों पर बेचा गया.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
'मोहम्मद बिन तुगलक की तरह BJP', ED की छापेमारी पर भड़कीं ममता