डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव (Mainpuri Bypolls) होना है. इस सीट से सांसद रहे मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का निधन हो चुका है. समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर मुलायम परिवार का दबदबा बरकरार रखने के लिए सपा चीफ अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव (Dimple Yadav) को चुनाव में उतारा है. विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पुराने सपाई और शिवपाल सिंह यादव के करीबी माने जाने वाले रघुराज सिंह शाक्य (Raghuraj Singh Shakya) को टिकट देकर चुनाव को रोचक बना दिया है. रघुराज सिंह शाक्य सपा से सांसद और विधायक रहे हैं. वह लंबे समय तक शिवपाल सिंह यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) में भी रहे. साल 2022 में ही वह बीजेपी में शामिल हुए हैं.
रघुराज सिंह शाक्य को मुलायम सिंह यादव के भाई और अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव का करीबी माना जाता है. उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी नेता केशव प्रसाद मौर्य ने उन्हें बीजेपी में शामिल करवाया था. मैनपुरी सीट पर पिछले 26 सालों से सपा और खासकर मुलायम सिंह यादव के परिवार का कब्जा रहा है. इस बार भी सपा ने परिवार की ही सदस्य डिंपल यादव को चुनाव में उतारा है. पिछले कई चुनावों में विपक्षी पार्टियों ने 'शाक्य' जाति के उम्मीदवारों को ही चुनाव में उतारा है लेकिन मुलायम परिवार हर बार विजयी हुआ है.
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पुराने सपाई हैं रघुराज सिंह शाक्य
रघुराज सिंह शाक्य समाजवादी पार्टी के ही नेता रहे हैं. साल 1999 और 2004 में वह सपा के ही टिकट पर इटावा लोकसभा सीट से सांसद चुने गए. साल 2012 में इटावा सदर सीट पर विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीतकर विधायक बने. 2022 में वह बीजेपी में टिकट की चाह लेकर शामिल हुए थे लेकिन बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया.
साल 2017 विधानसभा चुनाव में भी रघुराज शाक्य चुनाव लड़ना चाहते थे. सपा से टिकट नहीं मिला तो वह शिवपाल यादव के साथ चले गए और सपा से इस्तीफा दे दिया. पांच साल तक उन्हें शिवपाल यादव की पार्टी के लिए काम किया. 2022 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का साथ छोड़ दिया और बीजेपी में शामिल हो गए.
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डिंपल यादव को दे पाएंगे चुनौती?
लंबे समय से मैनपुरी सीट पर कब्जा जमाए बैठी सपा के लिए चिंता का विषय लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे रहे हैं. खुद मुलायम सिंह यादव के चुनाव लड़ने के बावजूद जीत का अंतर सिर्फ़ 94,389 वोटों का रह गया था. मुलायम सिंह यादव को 5,24,926 वोट मिले थे और बीजेपी के प्रेम सिंह शाक्य को 4,30,537 वोट मिले. मुलायम सिंह यादव के सम्मान में बीजेपी के बड़े नेताओं ने इस सीट पर प्रचार भी नहीं किया था. हालांकि, इस बार हालात बदल गए हैं.
2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने मैनपुरी की भोगांव और मैनपुरी विधानसभा सीट जीत ली. इसके अलावा, रामपुर लोकसभा सीट और आजमगढ़ लोकसभा सीट के उपचुनाव में बीजेपी की जीत के बाद से सपा को भी अपना किला दरकने का डर सता रहा है. यही वजह है कि सपा भी पूरा दम झोंक रही है.
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पुराने सपाई, शिवपाल के कराबी, जानिए कौन हैं रघुराज शाक्य? मैनपुरी में डिंपल यादव को देंगे चुनौती