डीएनए हिंदी: जमीयत उलेमा-ए-हिंद (Jamiat Ulema-e-Hind) के 34वें अधिवेशन में मंच पर ही बवाल हो गया. मौलाना अरशद मदनी ने मोहन भागवत के लिए कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि हमारे मजहब में जबरन हस्तक्षेप किया जाता है. इसके बाद उन्होंने राम और शिव पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जब राम और शिव नहीं थे तब मनु किसको पूजते थे. उन्होंने कहा कि अल्लाह ने इस धरती पर मनु यानी आदम को उतारा और आदम ही हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सबके पूर्वज हैं. उनके इस बयान पर कई अन्य धर्मगुरुओं ने आपत्ति जताई और जैन धर्मगुरु मंच छोड़कर उतर गए.
राम और शिव पर की विवादित टिप्पणी
मदनी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के लिए विवादित शब्दों का प्रयोग किया और यहीं नहीं रुके. उन्होंने हिंदू देवताओं के खिलाफ भी टिप्पणी की और कहा कि जब राम और शिव नहीं थे तब किसको पूजते थे मनु? उन्होंने कहा, तुम्हारा सबसे पहला नबी मनु यानी आदम है. तुम्हारा पूर्वज हिन्दू नहीं था. तुम्हारा पूर्वज मनु था यानी आदम था. मदनी के इस बयान के बाद मंच पर बवाल भी हो गया. जैन गुरु लोकेश मुनि ने स्टेज पर खड़े होकर विरोध जताया और मंच से उतर गए. इसके बाद कई अन्य धर्मगुरुओं ने भी मंच छोड़ दिया.
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भारत में हुई इस्लाम की पैदाइश
अरशद मदनी ने मंच से कई विवादित टिप्पणियां कीं. उन्होंने कहा कि भारत में आज जबरन इस्लाम मानने वालों को परेशान किया जाता है और हमारे धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप किया जाता है. इसके बाद उन्होंने कहा कि इस्लाम दुनिया का सबसे पुराना धर्म है और इस्लाम की पैदाइश भारत में हुई है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर दिल से इस्लाम कबूल नहीं करना चाहते हैं तो मत करो. उन्होंने यह भी कहा कि हम सदियों से हिंदुओं के साथ भाई-भाई की तरह रह रहे हैं.
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Arshad Madani के बिगड़े बोल, जमीयत के मंच से कहा, 'शिव-राम नहीं थे तब किसे पूजते थे, आदम ही सबका पूर्वज'