डीएनए हिंदीः महाराष्ट्र में शिवसेना (Shivsena) की सियासी खींचतान के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) गुट के 14 विधायकों ने महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर की ओर से जारी अयोग्यता नोटिस को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. इस मामले में सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश एनवी रमणा (N. V. Ramana) समेत तीन जजों की बेंच ने मामला सीनियर बेंच को भेज दिया है. इस मामले में अगली सुनवाई 1 अगस्त को होगी.
उद्धव गुट की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में था तो महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को नई सरकार को शपथ नहीं दिलानी चाहिए थी. बता दें कि इस पीठ में जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली भी शामिल हैं. उद्धव गुट की ओर पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने पीठ से कहा कि ‘‘पार्टी द्वारा नामित आधिकारिक सचेतक के अलावा किसी अन्य सचेतक को विधानसभाध्यक्ष द्वारा मान्यता दिया जाना दुर्भावनापूर्ण है." बता दें कि सीजेआई की अगुवाई वाली पीठ ने 11 जुलाई को उद्धव ठाकरे गुट के विधायकों को अंतरिम राहत प्रदान करते हुए महाराष्ट्र के विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से कहा था कि वे उनकी अयोग्यता के अनुरोध वाली याचिका पर आगे कार्रवाई नहीं करें.
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पार्टी नेतृत्व से असहमति दलबदल नहीं- साल्वे
एकनाथ शिंदे गुट की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि लोकतंत्र में लोग एकजुट हो सकते हैं और प्रधानमंत्री से कह सकते हैं कि ‘माफ करें, आप पद पर नहीं रह सकते.’’ उन्होंने कहा कि अगर कोई नेता पार्टी के भीतर ही समर्थन (बहुमत) जुटाता है और बिना पार्टी छोड़े (नेतृत्व से) सवाल करता है तो यह यह दलबदल नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर पार्टी में बड़ी संख्या में लोगों को लगता है कि किसी अन्य नेता को नेतृत्व करना चाहिए, तो इसमें क्या गलत है.
40 बागी विधायकों के साथ बनाई थी सरकार
बता दें कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के 40 बाघी विधायकों के साथ महाराष्ट्र में सरकार बना ली थी. इसके बाद उद्धव गुट इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था. उद्धव गुट के विधायकों की ओर से दायर याचिका में ये कहा गया है कि उनके खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही एक दागी विधायक की ओर से शुरू की गई है. ऐसे विधायक की ओर से अयोग्यता की कार्यवाही शुरू की गई है जो खुद अयोग्यता की कार्यवाही का सामना कर चुका है.
इनपुट- एजेंसी
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शिवसेना संकट पर 1 अगस्त तक टाली सुनवाई, शिंदे गुट बोला- पार्टी नेतृत्व से असहमति दलबदल नहीं