डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र में उद्धव सरकार की कुर्सी अब किसी भी वक्त जा सकती है. एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में 40 बागी विधायक सूरत से गुवाहाटी पहुंच चुके हैं. गुवाहाटी के एक बड़े होटल में विधायकों को ठहराया गया है और सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने उनसे मुलाकात की है. दिलचस्प बात यह भी है कि बागियों को गुजरात से निकालकर सुदूर पूर्वोत्तर के ठिकाने तक पहुंचाया गया है. हालांकि, इसके पीछे बीजेपी की ठोस रणनीति है.
Mumbai से दूर रखने की कोशिश
मुंबई से सूरत की दूरी ज्यादा नहीं है और शिवसेना और उद्धव ठाकरे के लिए वहां संपर्क बनाना ज्यादा मुश्किल नहीं हो सकता था. बीजेपी बहुत सधी रणनीति के साथ आगे बढ़ने के लिए जानी जाती है और इसको ध्यान में रखकर ही दूर-दराज की लोकेशन तय की गई है.
इसके अलावा, एक और तथ्य यह भी है कि असम तक शिवसेना और उद्धव ठाकरे की पहुंच मुश्किल है क्योंकि एक वजह तो दूरी है और दूसरे पूर्वोत्तर के राज्यों में शिवसेना की उपस्थिति भी नहीं है.
यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र की सियासत में क्या है बहुमत का आंकड़ा, शिवसेना और BJP को चाहिए कितने विधायकों का साथ?
ASSAM CM राजनीति के हैं धुरंधर खिलाड़ी
हिमंता बिस्वा सरमा कभी गांधी परिवार और कांग्रेस के करीबी थे लेकिन 2014 के बाद हालात बदले और सरमा ने बीजेपी से हाथ मिला लिया. उनकी प्रशासनिक क्षमता और राजनीति पर बीजेपी हाई कमान को भी इतना भरोसा है कि उन्होंने सीएम भी बना दिया है.
राजनीति के जानकारों का मानना है कि सरमा कुशल संगठनकर्ता और जिम्मेदारियों को मिशन मोड में निभाने वालों में से हैं. उन्हें मुश्किल चुनौतियों को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए जाना जाता है. सरमा की रणनीतिक कुशलता इससे मानी जा सकती है कि इस चुनाव में कांग्रेस के गढ़ रहे इलाकों में उन्होंने जोरदार सेंधमारी में कामयाबी हासिल की है. उनकी रणनीतिक कुशलता को देखते हुए बीजेपी ने उनके प्रदेश में बागियों को ठहराने का इंतजाम करने के लिए चुना है.
यह भी पढ़ें: Maharashtra Political Crisis: गुवाहाटी पहुंचे बागी विधायक, सीएम हिमंता बिस्वा ने की मुलाकात
Eknath Shinde का दावा, 46 विधायक मेरे साथ
बागी विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे ने कहा है कि मेरी उद्धवजी से बात हुई है. मैंने अपनी और विधायकों की बात उनके सामने रखी है. हमें हिंदुत्व के साथ जाना ज़रूरी है और यह हमने उन्हें बताया है। मुझे मनाने की कोशिश नहीं की गई है. मेरे साथ शिवसेना के 36 और 10 निर्दलीय विधायक हैं.
उद्धव ठाकरे के अलावा रश्मि ठाकरे ने भी फोन पर शिंदे से बात की है. बताया जा रहा है कि एकनाथ शिंदे पार्टी में आदित्य ठाकरे को ज्यादा तरजीह दिए जाने की वजह से नाराज हैं. साथ ही, वह शुरुआत से ही कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं थे.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
Maharashtra Political Crisis: मुंबई-सूरत से दूर गुवाहाटी क्यों भेजा गया बागियों को?