डीएनए हिंदीः महाराष्ट्र में जारी सियासी जंग पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई जारी है. शिंदे गुट (Eknath Shinde Group) ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि डिप्टी स्पीकर को हटाने की एप्लिकेशन अभी लंबित है, इसलिए उसपर फैसला होने से पहले वे विधायकों को अयोग्य नहीं ठहरा सकते. शिंदे गुट ने कोर्ट में यह भी दावा किया कि उनके पास 39 विधायकों का समर्थन है. वहीं महाराष्ट्र सरकार की तरफ से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि बागी विधायकों को पहले हाईकोर्ट का रुख करना चाहिए था. सिंघवी ने कहा कि जान के खतरे की बातें बेबुनियाद हैं.
कोर्ट में क्या हुआ
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सिंघवी ने कहा कि 1992 Kihito hollohan केस में भी साफ कहा गया था कि जबतक स्पीकर कोई फैसला नहीं लेते तबतक कोर्ट में कोई एक्शन नहीं होना चाहिए. इसपर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या 1992 के केस में भी स्पीकर की पोजिशन पर सवाल खड़े हुए थे.
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बता दें कि एकनाथ शिंदे गुट ने दो याचिकाएं दायर की हैं. इस पर सुनवाई जब शुरू हुई तो सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि इस मामले में पहले आप हाईकोर्ट क्यों नहीं गए? इस पर शिंदे गुट के वकील ने संजय राउत की धमकी का जिक्र करते हुए कहा कि बागी विधायकों के लिए राज्य में हालात मुश्किल हैं.
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शिंदे गुट के साथ 39 विधायक
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान शिंदे गुट की ओर से दावा किया गया कि उनके साथ 39 विधायक हैं. ऐसे में महाराष्ट्र सरकार अल्पमत में है. बागी विधायकों ने कहा कि डिप्टी स्पीकर सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि बागी लोग पहले हाईकोर्ट क्यों नहीं गए. इसपर वकील ने कहा कि मामला गंभीर था, इसलिए सीधा यहीं का रुख किया गया. शिंदे गुट ने कहा कि स्पीकर को उन्हें नोटिस का जवाब देने के लिए 14 दिनों का वक्त देना चाहिए था. लेकिन डिप्टी स्पीकर जल्दबाजी में दिखाई पड़ रहे हैं.
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शिंदे गुट ने डिप्टी स्पीकर पर उठाए सवाल, SC में कहा- 'वो सरकार से मिले हैं'