महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) में गड़बड़ी का मुद्दा फिर गरमा गया है. पुणे में 11 उम्मीदवारों ने माइक्रोकंट्रोलर की दोबारा जांच कराने के लिए चुनाव आयोग में आवेदन दिया है. इनमें बारामती सीट से एनसीपी (शरद पवार) के उम्मीदवार युगेंद्र पवार (Yugendra Pawar) भी शामिल हैं. युगेंद्र अपने चाचा अजित पवार के खिलाफ मैदान में उतरे थे, लेकिन 1,00899 वोटों हार गए थे.
युगेंद्र पवार ने 19 EVM के माइक्रोकंट्रोलर को सत्यापित करने के लिए जिला प्रशासन को आवेदन दिया है. ईवीएम जांच कराने के लिए उन्होंने 8.96 रुपये का भुगतान किया है. युग्रेंद के अलावा प्रमुख चेहरों में पुणे कैंट से कांग्रेस उम्मीदवार रमेश बागवे, हडपसर से एनसीपी (शरद पवार) के प्रशांत जगताप शामिल हैं.
चुनाव आयोग को 66.64 लाख का भुगतान
ईवीएम जांच के लिए चुनाव के नतीजे घोषित होने के 7 दिन के भीतर आवेदन करना होता है. महाराष्ट्र चुनाव के परिणाम 23 नवंबर को आने के बाद राज्यभर में 137 EVM माइक्रोकंट्रोलर के सत्यापन की मांग की गई है. इस जांच में आने वाले खर्च के तौर पर चुनाव आयोग को 66.64 लाख रुपये का भुगतान किया गया है.
मुंबई पुलिस ने दर्ज की FIR
वहीं, ईवीएम हैक की सोशल मीडिया पर झूठी पोस्ट करने के मामले में मुंबई पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. मुंबई साइबर पुलिस ने महाराष्ट्र मुख्य चुनाव आयुक्त की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया है. दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें एक युवक ने दावा किया था कि वह EVM को हैक कर सकता है और रिजल्ट को किसी भी राजनीतिक दल के पक्ष में कर सकता है.
उसने दावा किया था कि वह अमेरिकी रक्षा विभाग की तकनीक का इस्तेमाल कर EVM को हैक कर सकता है. इस वीडियो को कुछ लोगों और राजनेताओं ने भी शेयर किया था. इस पर महाराष्ट्र निर्वाचन आयोग ने एक्शन लेते हुए कहा कि ईवीएम को हैक करने का दावा झूठा है. EVM को न हैक किया जा सकता और न ही उसके साथ छेड़छाड़. इस तरह का दावा निराधार है.
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9 लाख रुपये में EVM की होगी जांच, अजित पवार के खिलाफ इस नेता ने EC में दिया आवेदन