डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र में डेढ़ साल के लंबे इंतजार और टालमटोल के बाद आखिरकार विधायकों की अयोग्यता के मामले पर फैसला होना है. शिवसेना से बगावत करने वाले 16 विधायकों की अयोग्यता पर विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर को आज 4 बजे फैसला लेना है. इस फैसले से ठीक पहले राहुल नार्वेकर और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मुलाकात पर शिवसेना (उद्धव बाला साहब ठाकरे) के मुखिया उद्धव ठाकरे ने सवाल उठाए. इसी को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया. वहीं, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि इस फैसले से महाराष्ट्र की मौजूदा गठबंधन सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

इस फैसले की पूर्व संध्या पर विरोध जताते हुए विपक्षी शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर शिवसेना विधायकों की अयोग्यता संबंधी याचिका पर फैसले से पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के बीच हुयी बैठक पर आपत्ति जताई है. इसके बाद ठाकरे और नार्वेकर के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए. विधान भवन के अधिकारियों ने बताया कि अयोग्यता संबधी याचिकाओं पर नार्वेकर 10 जनवरी को शाम 4 बजे बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाएंगे. शिवसेना में फूट पड़ने के 18 महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद यह फैसला सुनाया जाएगा.

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'जज आरोपी से मिले तो क्या उम्मीद रखें?'
शिवसेना में हुए इस विभाजन के बाद प्रदेश की उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली एमवीए सरकार को जाना पड़ा था. ठाकरे ने मंगलवार को कहा, 'अगर न्यायाधीश (नार्वेकर) आरोपी से मिलने जाते हैं तो हमें न्यायाधीश से क्या उम्मीद करनी चाहिए.' ठाकरे के सहयोगी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के संस्थापक शरद पवार ने भी कहा कि जब किसी मामले की सुनवाई कर रहा कोई व्यक्ति उस व्यक्ति से मिलता है, जिसके खिलाफ मामले की सुनवाई हो रही है तो इससे संदेह पैदा होता है. इस पर पलटवार करते हुए नार्वेकर ने कहा कि ठाकरे को पता होना चाहिए कि विधानसभा अध्यक्ष किस उद्देश्य से मुख्यमंत्री से मिल सकता है. 

स्पीकर नार्वेकर ने तर्क दिया, 'अगर वह अब भी ऐसे आरोप लगाते हैं तो उनका मकसद बहुत स्पष्ट है. ऐसा कोई नियम नहीं है कि अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई करते समय विधानसभा अध्यक्ष कोई अन्य काम नहीं कर सकता है.' बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने राहुल नार्वेकर के लिए विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली शिवसेना के दोनो गुटों द्वारा दायर याचिकाओं पर निर्णय लेने की समय सीमा 10 जनवरी तक बढ़ा दी थी. ठाकरे ने कहा कि चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल मई में नार्वेकर को अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय करने का निर्देश दिया था इसलिए विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से दो बार मुलाकात की.

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वहीं, इस नई हलचल पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विश्वास जताया कि शिवसेना-बीजेपी-एनसीपी (अजित पवार गुट) सरकार स्थिर है और आगे भी रहेगी. वरिष्ठ बीजेपी नेता ने जोर देकर कहा कि गठबंधन सरकार वैध है और उम्मीद जताई कि विधानसभा अध्यक्ष के फैसले से उन्हें न्याय मिलेगा. बता दें कि शिवसेना का साथ छोड़ने वाले 16 विधायकों के खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट ने अयोग्यता की कार्यवाही किए जाने की अपील दायर की थी.

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शिंदे होंगे 'नाथ' या उद्धव जीतेंगे 'युद्ध'? महाराष्ट्र में आज होगा फैसला
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