मघ्य प्रदेश में रेप के एक मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट (High Court) ने अहम फैसला दिया है. कोर्ट ने रेप (Rape) के मामले में माना कि महिला रेप नहीं कर सकती है, लेकिन इस अपराध में आरोपी हो सकती है. कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए आरोपी की मां और भाई को भी समान रूप से दोषी करार दिया है. कोर्ट ने इस महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि महिला रेप नहीं कर सकती है, लेकिन इस अपराध के लिए उकसाने और बढ़ावा देने की दोषी हो सकती है. इस केस में रेप करने वाले की ही तरह उसकी मां और भाई भी बराबर के दोषी हैं. कोर्ट ने दोनों पर बीएनएस की धारा 376 r/w 34, 109 और 506-11 के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया है.
पीड़िता ने युवक की मां और भाई पर लगाए थे गंभीर आरोप
दरअसल यह मामला भोपाल का है. 21 अगस्त, 2022 को एक महिला ने छोला मंदिर थानें में अभिषेक गुप्ता नाम के एक युवक पर शादी का झांसा देकर रेप करने की शिकायत दर्ज कराई थी. पीड़िता ने अपनी शिकायत में आरोपी के भाई और मां पर आरोप लगाया था कि दोनों ने रेप के लिए उकसाने का काम किया है और बेटे के कृत्य में उन दोनों की सहमति थी. पीड़िता की शिकायत के मुताबिक, आरोपी अभिषेक की मां ने कहा था कि शादी से पहले संबंध बनाना आम बात है. 22 अगस्त 2023 को इस मामले में निचली अदालत ने मां और भाई को भी सह आरोपी बनाया था, जिसके खिलाफ दोनों ने हाई कोर्ट में अपील की थी.
हाई कोर्ट ने दिया अहम फैसला
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए अहम फैसला दिया है. कोर्ट ने उकसावे की परिभाषा स्पष्ट करते हुए कहा कि बेशक महिला रेप नहीं कर सकती है, लेकिन इस अपराध के लिए उकसाने की भूमिका में हो सकती है. हाई कोर्ट ने मां और भाई दोनों को सह आरोपी बनाने के निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है. कोर्ट ने माना कि महिला रेप नहीं कर सकती, लेकिन इसके लिए उकसा सकती है और इस आधार पर आरोपी बनाया जा सकता है.
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सांकेतिक चित्र
MP News: रेप मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का फैसला, 'महिला रेप नहीं कर सकती, लेकिन केस बन सकता है...'