साल 1951-52 में पहली लोकसभा के गठन के बाद पंडित जवाहर लाल नेहरू की अगुवाई में कांग्रेस ने प्रचंड बहुमत वाली सरकार चलाई. संविधान में तय किए गए नियमों के मुताबिक, पांच साल मे लोकसभा के चुनाव फिर से होने थे. पांच साल सरकार चलाने के बावजूद पंडित नेहरू का जलवा बरकरार था और उनके खिलाफ विपक्ष के पास कोई बड़ा मुद्दा नहीं था. ऐसे में पूरा चुनाव पंडित जवाहर लाल नेहरू के इर्द-गिर्द ही घूमता रहा. यह पहला चुनाव था जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी चुनाव लड़े थे. वह कुल तीन सीटों पर चुनाव लड़े लेकिन सिर्फ एक ही सीट पर उन्हें जीत मिली.
दूसरी लोकसभा के चुनाव 24 फरवरी से 9 जून 1957 तक चले. पहले लोकसभा चुनाव में 489 सीटों के लिए चुनाव हुए थे लेकिन 1957 में सीटों की संख्या 494 हो गई. इस चुनाव में कांग्रेस के अलावा, सीपीआई, भारतीय जनसंघ और प्रजा सोशलिस्ट पार्टी मुख्य थीं. यही वह चुनाव था जिसमें पहली बार बूथ कैप्चरिंग की गई. इस चुनाव में कुल 22 महिलाएं जीतीं और सांसद बनीं.
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बड़े-बड़े दिग्गज हार गए थे चुनाव
आजादी के बाद दूसरी बार हो रहे इस चुनाव में कांग्रेस की सीटों की संख्या में कमी आने के बजाय इजाफा हुआ. पंडित जवाहर लाल नेहरू और मजबूत नेता बनकर उभरे. हालांकि, वह वामपंथियों, दक्षिणपंथियों और समाजवादियों से चौतरफा संघर्ष कर रहे थे लेकिन अपनी रणनीति से वह मजबूती से चुनाव जीतने में सफल रहे. चुनाव नतीजों में किसी विपक्षी पार्टी को पर्याप्त सीटें न मिल पाने की वजह से कोई भी आधिकारिक तौर पर विपक्ष का ओहदा हासिल नहीं कर सका.
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उस समय समाजवादी आंदोलन की अगुवाई कर रहे डॉ. राम मनोहर लोहिया, चंद्रशेखर और वीवी गिरी जैसे नेता भी अपना चुनाव हार गए थे. अटल बिहारी वाजपेयी भी तीन सीटों से लड़े थे लेकिन एक ही सीट से चुनाव जीत पाए.
कैसे थे 1957 के चुनाव के नतीजे?
साल 1957 के कांग्रेस पार्टी ने कुल 490 सीटों पर चुनाव लड़ा, जिसमें से उसे 371 सीटों पर जीत हासिल हुई. वहीं, सीपीआई ने कुल 110 उम्मीदवार उतारे और 27 को जीत मिली. भारतीय जनसंघ के 130 में से 4 और पीएसपी के कुल 189 में से सिर्फ 19 उम्मीदवार ही जीत पाए. वहीं, अन्य दलों ने कुल 31 सीट पर जीत हासिल की. 42 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत मिली. कुल मिलाकर 494 सांसद जीते. इस चुनाव में कुल 12.05 करोड़ वोट डाले गए थे.
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किस पार्टी को कितनी सीट मिली?
कांग्रेस- 371
सीपीआई- 27
पीएसपी- 19
जनसंघ- 4
अन्य पार्टियां- 31
निर्दलीय- 42
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लोकसभा चुनाव 1957: कैसा था देश का दूसरा चुनाव, किसको मिली जीत और कौन हारा