लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के लिए आज मतदान हुआ. हैरान करने वाली बात यह है कि 75 सालें में आज पहली बार शोम्पेन जनजाति के सदस्यों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. यह जनजाति ग्रेट निकोबार द्वीप समूह के विशेष रूप से कमजोर जनजातीय (PVTGs) में शामिल है.शोम्पेन जनजाति के सदस्यों ने आज अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पहली बार वोट डाला है.
कौन हैं शोम्पेन जनजाति के लोग?
शोम्पेन जनजाति भारत के अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह केन्द्रशासित प्रदेश के निकोबार द्वीप पर रहने वाला एक छोटा समुदाय है. यह मंगोलियन जाति के हैं. आपको बता दें कि इस जनजाति के लोग बहुत ही शर्मीले स्वभाव के होते हैं. शोम्पेन जनजाति के लोग शारीरिक रूप से काफी कमजोर होते हैं और इसलिए इन्हें विशेष रूप से कमजोर जनजातीय (PVTGs) समूह में शामिल किया गया है. 2011 जनगणना में इनकी संख्या 229 थी. यहां के लोग मूल रूप से शोम्पेन भाषा बोलते हैं.
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पहली बार किया मतदान
हैरान करने वाली बात यह है कि शोम्पेन जनजाति के लोगों ने पहली बार मतदान किया. शोम्पेन जनजाति के सदस्यों ने वन विभाग के कर्मचारियों के क्वार्टर के अंदर 'शोम्पेन हट' के नाम से बनाए गए मतदान केंद्र संख्या 411 पर न सिर्फ मतदान किया और तस्वीरें भी खिंचवाई. जानकारी के अनुसार, ओंगे और ग्रेट अंडमानीज ने पहले भी 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था, लेकिन 98 शोम्पेन मतदाताओं में से सात शोम्पेन ने आज पहली बार वोट डोला है.
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कौन हैं शोम्पेन जनजाति के लोग, जिन्होंने 75 साल में पहली बार किया मतदान