डीएनए हिंदी: लोकसभा चुनाव में अभी 8-9 महीनों का समय बाकी है. इसके बावजूद हर पार्टी अपनी तैयारियों में जुटी हुई है. भारतीय जनता पार्टी ने 18 जुलाई को एनडीए की बैठक बुलाई है. इससे पहले बिहार में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं. अब लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के नेता चिराग पासवान ने बीजेपी नेता नित्यानंद राय से मुलाकात की है. चर्चा है कि वह 18 जुलाई को होने वाली बैठक में भी शामिल हो सकते हैं. चिराग की इस मुलाकात के बाद सवाल उठने लगे हैं कि अगर वह एनडीए में शामिल होते हैं तो उनके चाचा पशुपति पारस का क्या होगा? बता दें कि पशुपति पारस के बागी हो जाने के बाद पार्टी दोफाड़ हो गई थी और चिराग पासवान से उनके ही पिता की बनाई पार्टी भी छिन गई थी.
दूसरी तरफ एलजेपी के चिराग पासवान गुट की एक मीटिंग हुई है. इस मीटिंग में पार्टी ने गठबंधन का फैसला लेने का जिम्मा चिराग पासवान को सौंप दिया है. ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि चिराग पासवान एनडीए में शामिल हो रहे हैं. चर्चाएं हैं कि बीजेपी को यह लगने लगा है कि उसका फायदा चिराग पासवान को साथ लेने में ही है. अब चर्चा यह भी है कि आगामी मंत्रिमंडल विस्तार में चिराग पासवान को केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी जगह दी जा सकती है.
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#WATCH | Bihar: After the meeting, Nityanand Rai says, "This is our old home. It is always good when we meet. Ram Vilas Paswan and BJP have worked for the welfare of the people..The opposition unity is due to fear f PM Modi's popularity. Neither do they have a leader nor any… https://t.co/aWqimMu2KT pic.twitter.com/c8M35g0Qvj
— ANI (@ANI) July 9, 2023
नित्यानंद राय बोले- हम मिलते हैं तो अच्छा ही होता है
चिराग पासवान और नित्यानंद राय की इस मीटिंग के बाद नित्यानंद राय ने कहा, 'यह हमारा पुराना घर है. हम जब मिलते हैं तो हमेशा अच्छा ही होता है. राम विलास पासवान और बीजेपी ने हमेशा लोगों के हित में काम किया है. विपक्ष की एकता पीएम मोदी की लोकप्रियता के डर से है. ना तो उनके पास कोई नेता है औ न ही कोई नीति है. उन्हें पीएम मोदी से नीति, सेवा और नेतृत्व के बारे में सीखना चाहिए.'
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बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में एलजेपी, बीजेपी और जेडीयू ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और बंपर जीत हासिल की थी. इसमें एलजेपी को 6 सीटें मिली थी. साल 2020 में राम विलास पासवान के निधन के कुछ समय बाद ही पशुपति पारस यानी चिराग के चाचा ने पार्टी पर दावा ठोंक दिया था. इस बगावत को चिराग पासवान रोक नहीं पाए क्योंकि 6 में से पांच सांसद पशुपति पारस के साथ चले गए थे. इसके बाद वह केंद्र में मंत्री भी बन गए थे.
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चिराग पासवान ने बीजेपी नेता नित्यानंद राय से की मुलाकात, क्या NDA में होंगे शामिल?