डीएनए हिंदी: पश्चिम बंगाल के चर्चित शिक्षक भर्ती घोटाले (WBSSC Scam) में अदालत ने TMC विधायक माणिक भट्टाचार्य को 14 दिन के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कस्टडी में भेज दिया है. माणिक भट्टाचार्य (Manik Bhattacharya) को मंगलवार सुबह ही ED ने स्कूल सर्विस कमीशन घोटाले (School Service Commission scam) में गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार करने के बाद उन्हें कोलकाता की बैंकशाल कोर्ट में पेश किया गया, जहां ED के आग्रह पर पूछताछ के लिए उनकी 14 दिन की कस्टडी सौंप दी गई. माणिक भट्टाचार्य को अदालत में पेश करने के दौरान वहां बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता पहुंचे और उन्हें पैर की चप्पल निकालकर दिखाई, जिसके चलते हंगामे का माहौल बना रहा. माणिक भट्टाचार्य पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन के चेयरमैन थे और उनके कार्यकाल के दौरान ही यह घोटाला हुआ था.
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भाजपा की महिला कार्यकर्ताओं ने लगाए चोर-चोर के नारे
माणिक भट्टाचार्य की पेशी के दौरान पहुंचे भाजपा कार्यकर्ताओं में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं. इन कार्यकर्ताओं ने उन्हें चप्पल दिखाने के साथ ही 'चोर-चोर' के नारे भी लगाने शुरू कर दिए. इससे पहले इस घोटाले में पश्चिम बंगाल के तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी एक्ट्रेस अर्पिता मुखर्जी की भी पेशी के दौरान अदालत परिसर में उनके लिए चोर-चोर कहकर नारे लगाए गए थे.
#WATCH | BJP workers show slippers and raise 'Chor Chor' slogans as former chairman of West Bengal Board of Primary Education & TMC MLA Manik Bhattacharya brought to Bankshall Court in Kolkata
— ANI (@ANI) October 11, 2022
He was arrested today by ED in the School Service Commission (SSC) scam case. pic.twitter.com/3bYMrM4hBy
CBI से बचे पर ED के चंगुल में फंस गए माणिक
माणिक भट्टाचार्य को इस मामले में CBI भी गिरफ्तार करना चाहती थी, लेकिन उन्होंने 29 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे ऑर्डर ले लिया था. CBI से बचने के बाद अब वे इस मामले में ED के चंगुल में फंस गए, जो इस घोटाले के दौरान ली गई रिश्वत की मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर जांच कर रही है.
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अर्पिता के फ्लैट से 3 बार छापेमारी में मिला था 50 करोड़ से ज्यादा कैश
इस मामले में ED ने 23 जुलाई को पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया था. इसके बाद ED टीम ने अर्पिता के अलग-अलग फ्लैट्स पर 3 बार छापेमारी की थी. इन छापेमारियों में ED टीम को 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का कैश और करोड़ों रुपये के सोने के जेवरात मिले थे. पार्थ और अर्पिता इस मामले में अब तक जेल में ही बंद हैं.
A special ED court remanded Trinamool Congress MLA and former president of West Bengal Board of Primary Education, #ManikBhattacharya, to 14 days custody of the probe agency for his alleged involvement in multi-crore West Bengal School Service Commission (WBSSC) recruitment scam. pic.twitter.com/n8KkEGddcK
— IANS (@ians_india) October 11, 2022
क्या है पूरा घोटाला
दरअसल साल 2014 में पश्चिम बंगाल में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती की गई थी. इस एग्जाम में कई तरह की गड़बड़ी के जरिए पैसे लेकर अपात्र लोगों को नौकरियां देने के आरोप हैं. आरोप है कि 269 लोगों की आंसरशीट में नंबर बढ़ाकर उन्हें दूसरों से आगे कर दिया गया. यह भी आरोप हैं कि कई ऐसे लोगों को भी नौकरी मिली है, जो महज कक्षा-5 या 6 तक पढ़े हैं और भर्ती परीक्षा में भी शामिल नहीं हुए हैं. इन आरोपों के बाद जून 2022 में कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस घोटाले की जांच CBI को सौंपी थी और माणिक भट्टाचार्य को उनके पद से हटा दिया था. CBI की FIR के आधार पर ED ने केस दर्ज करते हुए मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू कर दी थी.
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ED को मिली TMC विधायक माणिक की कस्टडी, भाजपा कार्यकर्ताओं ने चप्पल दिखाकर कहा चोर