डीएनए हिंदी: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष पद का चुनाव अब राजनीतिक मसला बन गया है. ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने मंगलवार को इसे बंगाली अस्मिता का प्रश्न बनाते हुए मौजूदा अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) का समर्थन करने की घोषणा कर दी. TMC ने पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान गांगुली को पद से हटाए जाने की कोशिश के पीछे भाजपा (BJP) का हाथ बताया. TMC ने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) गांगुली को अपमानित कर उनसे 'पॉलिटिकल रिवेंज' लेने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने पिछले साल पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा में शामिल होने का प्रस्ताव ठुकरा दिया था. 

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रोजर बिन्नी का अध्यक्ष बनना हो चुका है तय

BCCI में गांगुली की जगह एक अन्य पूर्व क्रिकेटर रोजर बिन्नी (Roger Binny) का अध्यक्ष बनना तय हो चुका है. सूत्रों के मुताबिक, पांच पदाधिकारियों के पदों के लिए सोमवार को नामांकन बंद होने के बाद अध्यक्ष पद के लिए अकेले बिन्नी की प्रविष्टि मिली है. इस हिसाब से वह 18 अक्टूबर को मुंबई में बीसीसीआई की वार्षिक आम सभा में निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिए जाएंगे. सूत्रों के मुताबिक, विभिन्न पदों के लिए नामों को शॉर्टलिस्ट करने की प्रक्रिया में गांगुली भी शामिल थे, लेकिन उन्होंने अध्यक्ष पद के लिए बिन्नी का समर्थन नहीं किया. वह खुद बीसीसीआई अध्यक्ष बने रहना चाहते थे या आईसीसी चेयरमैन के तौर पर बोर्ड की तरफ से नामांकन चाहते थे. सूत्रों के मुताबिक, गांगुली को IPL चेयरमैन का पद देने का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया है. 

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गांगुली हटेंगे पर जय शाह बने रहेंगे, क्यों: TMC

सौरव गांगुली को हटाया जा रहा है, लेकिन अमित शाह के बेटे जय शाह (Jai Shah) को बोर्ड महासचिव पद पर बरकरार रखा जा रहा है. इसे ही TMC ने मुद्दा बनाकर गांगुली का समर्थन किया है. TMC प्रवक्ता कुणाल घोष (Kunal Ghosh) ने मंगलवार को कहा कि भाजपा ने पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले गांगुली के अपनी पार्टी में शामिल होने का दावा किया था. गांगुली राज्य की जनता में बेहद प्रसिद्ध हैं और भाजपा इसका फायदा लेना चाहती थी, लेकिन गांगुली पार्टी में शामिल नहीं हुए. अब उनसे इसी बात का बदला लिया जा रहा है. 

घोष ने कहा, यह 'राजनीतिक बदले' की मिसाल है कि अमित शाह के बेटे जय शाह दूसरे कार्यकाल के लिए बीसीसीआई के सचिव पद पर बने रह सकते हैं, लेकिन गांगुली अध्यक्ष नहीं बन सकते.

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भाजपा ने बताया आरोपों को निराधार

भाजपा ने TMC के आरोपों को निराधार बताया है. चुनाव के दौरान भाजपा के पश्चिम बंगाल प्रदेश अध्यक्ष रहे दिलीप घोष (Dilip Ghosh) ने कहा, 'प्रिंस ऑफ कोलकाता' के नाम से प्रसिद्ध गांगुली को कभी उन्होंने भाजपा में शामिल करने की कोशिश नहीं की. फिलहाल भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष घोष ने कहा, हमें नहीं पता कि भाजपा ने सौरव गांगुली को पार्टी में शामिल करने की कोशिश कब की. कुछ लोग BCCI में बदलाव पर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं, लेकिन जब सौरव अध्यक्ष बने थे, तो क्या उन लोगों ने तब इसमें कोई भूमिका निभाई थी. TMC हर मुद्दे का राजनीतिकरण करना चाहती है, जो उसे बंद करना चाहिए. 

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Latest News TMC supported sourav ganguly in Bcci President Row alleges amit shah takes political revenge
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BCCI में सौरव गांगुली को निशाना बना रहे अमित शाह, जानिए TMC का ये आरोप
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BCCI में सौरव गांगुली को निशाना बना रहे अमित शाह, जानिए TMC ने क्यों लगाया ये आरोप