डीएनए हिंदी: केरल में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ख़ान (Arif Mohammed Khan) और राज्य सरकार के बीच चल रही तकरार अब संवैधानिक संकट बनती दिख रही है. मुख्यमंत्री पी. विजयन के नेतृत्व वाली राज्य कैबिनेट ने बुधवार को राज्यपाल के खिलाफ ऑर्डिनेन्स लाने का निर्णय लिया. इस ऑर्डिनेन्स के जरिये राज्यपाल को राज्य विश्वविद्यालयों के चांसलर पद से हटाया जाएगा, लेकिन कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने इस निर्णय की वैधानिकता पर ही सवाल खड़ा कर दिया है. केरल की तिरुवनंतपुरम (Thiruvananthapuram) सीट से सांसद थरूर ने कहा कि कोई भी ऑर्डिनेन्स तब लागू होता है, जब राज्यपाल उस पर हस्ताक्षर करते हैं. इसलिए यह फैसला बेहद अजीब है.

उधर, राज्यपाल खान ने भी सरकार के इस फैसले के बाद पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि राज्य में सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति सिफारिशी हैं. वे योग्यता नहीं सिफारिश से भर्ती हुए हैं और इसलिए सरकार उन्हें कंट्रोल करती है.

थरूर ने कहा- ये लड़ाई राज्य और संविधान के लिए बुरी

शशि थरूर ने कहा, राज्य सरकार की राज्यपाल को ऑर्डिनेन्स से हटाने की मंशा थोड़ी अजीब है. अध्यादेश लाने की मंशा थोड़ी अजीब है. कोई भी ऑर्डिनेन्स राज्यपाल के हस्ताक्षर से ही लागू होता है. मुझे यह अजीब लग रहा है कि राज्य कैबिनेट राज्यपाल के खिलाफ प्रस्ताव पारित करेगा तो क्या वे इसे मानेंगे. देखते हैं कि वह इसे करना चाहते है या नहीं? 

थरूर ने कहा, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच ऐसी लड़ाई दुर्भाग्यपूर्ण होने के साथ ही राज्य और संविधान के लिए बुरी है. उम्मीद है कि दोनों अपने मतभेदों को जल्द ही सुलझा लेंगे.

LDF कंट्रोल करती है राज्य में कुलपतियों को: राज्यपाल

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने भी बुधवार शाम को राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि विश्वविद्यालयों में कुलपति योग्यता के आधार पर नहीं बल्कि सत्ताधारी CPIM की सिफारिश पर अपॉइंट हो रहे हैं. यही कारण है कि सत्ताधारी गठबंधन LDF उन्हें कंट्रोल करता है. 

खान ने कहा, वे (LDF नेता) हर समय विश्वविद्यालयों के मामलों में हस्तक्षेप करते थे, जिसे मैंने रोक दिया. यह हस्तक्षेप विश्वविद्यालयों के विकास से नहीं जुड़ा था. ज्यादातर हस्तक्षेप CPIM नेताओं के रिश्तेदारों को विभिन्न पदों पर नियुक्त करने का था. उनकी पूरी रूचि नियुक्तियों में ही थी.

'वैधानिक हिंसा में यकीन करने वाली पार्टी है CPIM'

राज्यपाल ने यह भी कहा कि CPIM एक ऐसी पार्टी है, जो वैधानिक हिंसा में यकीन करती है. केरली मीडिया CPIM के ही एक विंग की तरह काम करता है. साल 1986 से मीडिया वन ग्रुप मेरे खिलाफ शाह बानो केस (Shah Bano Case) को लेकर पक्षपात करता रहा है. 

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क्या किया है राज्य सरकार ने

दरअसल पिछले दिनों राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने केरल के 9 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से इस्तीफा मांगा था. राज्य सरकार इस फैसले को वापस कराना चाहती थी, जिससे खान ने इनकार कर दिया था. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को  पिनराई विजयन (Pinrai Vijayan) की अध्यक्षता वाली राज्य कैबिनेट ने राज्यपाल को विश्वविद्यालयों के चांसलर (कुलाधिपति) पद से हटाने के लिए ऑर्डिनेन्स लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है.

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Latest News Shashi Tharoor questioned over Kerala cabinet decision to bring ordinance against Governor
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Kerala में राज्यपाल का चांसलर पद से हटाने के लिए ऑर्डिनेन्स पर थरूर का सवाल
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कांग्रेस नेता शशि थरूर. (फाइल फोटो)
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कांग्रेस नेता शशि थरूर. (फाइल फोटो-PTI)

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Kerala में राज्यपाल को चांसलर पद से हटाने के लिए ऑर्डिनेन्स पर थरूर का सवाल, पूछा- कैसे लागू कराओगे